भदोही। इंसान पैदा होने के बाद निरंतर मौत की ओर ही अग्रसर होता है, लेकिन जन्म लेने से मृत्यु होने के बीच की दूरी तय करने में जिंदगी का सफर काटने वाले कुछ ही विरले ऐसे होते हैं जो इतिहास बना देते हैं। बुधवार की भोर में भदोही विधायक रवीन्द्रनाथ त्रिपाठी के पिता विक्रमादित्य त्रिपाठी महाप्रयाण किये। जो व्यक्ति पैदा हुआ है। उसे एक दिन ईश्वर के पास जाना ही है किन्तु बहुत कम पुण्यात्माओं को ऐसा अवसर मिलता है कि वे उस बेला में महाप्रयाण करें जिसे ब्रह्मबेला कही जाती है। अब यहीं कहा जा सकता है कि परिवार को एकसूत्र में कैसे पिरोकर रखना है। यहीं मंत्र देने स्वर्ग में महाप्रयाण कर गया भदोही का एक युगपुरूष।
गोलोकवासी विक्रमादित्य त्रिपाठी को इसलिये नहीं याद किया जायेगा कि वे विधायक रवीन्द्रनाथ त्रिपाठी के पिता थे बल्कि इसलिये उन्हें याद किया जायेगा कि उन्होंने अपने संस्कारों की ऐसी पूंजी इस परिवार को दी कि 7 दर्जन सदस्यों से अधिक संख्या का यह परिवार एक सूत्र में माला की तरह आजतक पिरोया है। परिवार में उतार चढ़ाव के बहुत से मौसम आये होंगे किन्तु विक्रमादित्य त्रिपाठी के संस्कार ऐसे रहे कि परिवार के सदस्यों के बीच का प्यार सदैव अटूट रहा। आधुनिक युग में जहां छोटे—छोटे परिवार बिखर जाते हैं और उनकी रसोई अलग हो जाती है किन्तु यह परिवार कभी अलग नहीं हुआ और आजतक एक ही रसोईं में बना भोजन सभी ने ग्रहण किया।
स्व. विक्रमादित्य त्रिपाठी के परिवार में पीढ़ियों से सामाजिक एवं राजनैतिक नेतृत्व की परंपरा रही है। उनके पिता स्वर्गीय पंडित उमाशंकर त्रिपाठी वर्ष 1952 से ही मुखिया सभापति अथवा ग्राम प्रधान चयनित होते रहे और ताउम्र क्षेत्र का नेतृत्व संभाला। उस दौरान अबरना, हरिहरपुर, मंगुरा, करोड़, मधुपट्टी और गोपीपुर चौगुना मिलाकर 1 ग्राम पंचायत क्षेत्र था। जबकि अब 9 हो गए हैं। पंडित उमाशंकर त्रिपाठी के तीन पुत्रों में सबसे छोटे पंडित विक्रमादित्य त्रिपाठी उनके बाद से ही लगातार प्रधान चयनित होते रहे हैं।
आरक्षण के दौरान भी कोई इसी परिवार का करीबी ही ग्राम प्रधान होता रहा है। वर्तमान में उनकी सबसे बड़ी पौत्रबधु श्रीमती रचना त्रिपाठी पत्नी चंद्र भूषण उर्फ पप्पू त्रिपाठी ग्राम प्रधान हैं। प्रेम सद्भाव और सहिष्णुता भारतीय संस्कृति की मूल धारा है। इसकी सीख परिवार से ही मिलती है। जब आप अपनों की सुनकर एक साथ नहीं रह सकते तो समाज में सबको साथ लेकर चल पाने का दावा बेमानी है। संयुक्त परिवार की सुख-समृद्धि और साख की कोई तुलना नहीं है। इसे बताया नहीं बल्कि अहसास किया जा सकता है। जिसका सदैव अहसास कराया है पंडित विक्रमादित्य त्रिपाठी ने।
सुरियावां क्षेत्र के भदोही जौनपुर सीमा पर बसा गांव चौगुना श्री त्रिपाठी का पैतृक गांव है। पीढ़ियों से मानिंद परिवार रहे त्रिपाठी परिवार में जन्मे पंडित विक्रमादित्य त्रिपाठी के 9 पुत्र व तीन पुत्रियां पैदा हुई। इनकी धर्मपत्नी श्रीमती लालती देवी त्रिपाठी अति धार्मिक एवं उदारवादी महिला रही। करीब 3 वर्ष पूर्व ही उनका निधन हुआ है। इसके पूर्व वे सुरयावां की ब्लाक प्रमुख भी रह चुकी थी। विधायक रविंद्र त्रिपाठी उनके पुत्रों में छठवें पुत्र हैं। विधायक श्री त्रिपाठी के सबसे ज्येष्ठ भाई आदित्य नारायण त्रिपाठी मुंबई की एक कंपनी से रिटायर्ड अधिकारी थे। इनके तीन पुत्र हैं। बड़े पुत्र चंद्रभूषण उर्फ पप्पू त्रिपाठी समाजसेवी एवं पेशे से ठेकेदार हैं। आदित्य नारायण त्रिपाठी का सबसे छोटे पुत्र सचिन त्रिपाठी जिला पंचायत सदस्य हैं। एक पुत्र संदीप त्रिपाठी मुंबई में व्यवसाय करते हैं और हेल्प यू बड्डी नामक सामाजिक संस्था से लोगों की सेवा करते रहते हैं।
विधायक के दूसरे बड़े भाई राजीव त्रिपाठी मुम्बई में परिवहन व्यवसाय से जुड़े हैं। इनके दो पुत्र थे। जिनमें एक पुत्र प्रदीप त्रिपाठी का एक हादसे में निधन हो चुका है। जबकि छोटा पुत्र प्रमोद त्रिपाठी मलेशिया में इंजीनियर हैं। विधायक के तीसरे बड़े भाई प्रमुख महेंद्र त्रिपाठी का एक गंभीर बीमारी में निधन हो चुका है। महेंद्र त्रिपाठी के इकलौते पुत्र विनय त्रिपाठी गुड़गांव हरियाणा स्थित एक कंपनी में इंजीनियर है। विधायक बड़े भाई सुरेंद्र कुमार की भी एक हादसे में मौत हो चुकी है। उनका इकलौता पुत्र डब्बू त्रिपाठी पारिवारिक कारोबार में हाथ बंटाते है।
विधायक के पांचवें बड़े भाई गजेंद्र त्रिपाठी समाज और धर्म सेवा के साथ मुंबई में कंट्रक्शन का काम करते हैं। गजेंद्र त्रिपाठी की पहल से ही चौगुना में विशाल एवं भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है। विधायक तीन पुत्रों में बड़ा नितेश त्रिपाठी पारिवारिक कारोबार में सहयोग करते हैं। जबकि मंझले पुत्र दीपक त्रिपाठी व छोटे पुत्र प्रकाश त्रिपाठी व्यवसाय से जुड़े हैं। विधायक से छोटे तीन भाई हैं। जिसमें अरविन्द उर्फ बाबा ईंट भठ्ठे का संचालन करते हैं और साधन सहकारी समिति के अध्यक्ष हैं। बाबा के तीन पुत्र हैं।
विधायक श्री त्रिपाठी के दूसरे छोटे भाई सुभाष त्रिपाठी पारिवारिक ट्रस्ट द्वारा स्थापित लालती देवी विक्रमादित्य कॉलेज चौगुना और महेंद्र सुरेन्द्र इंटर कॉलेज सुरयावां के प्रबंध संचालक हैं। सुभाष त्रिपाठी का बड़ा बेटा गौरव त्रिपाठी पुलिस सेवा में उप अधीक्षक के पद पर तैनात हैं। जबकि छोटा पुत्र आकाश दिल्ली में सिविल सेवा की तैयारी कर रहा है। विधायक के सबसे छोटे भाई अनिरूद्ध त्रिपाठी पूर्व जिला पंचायत सदस्य व वर्तमान में सुरियावां के ब्लाक प्रमुख हैं। अनिरूद्ध त्रिपाठी के दो पुत्र सर्वेश त्रिपाठी व रितेश त्रिपाठी पूना में उच्च शिक्षा ले रहे हैं। पत्नी श्रीमती ज्ञानी देवी क्षेत्र पंचायत सदस्य हैं।