कोविद -19 महामारी के दस्तक देते ही सामान्य जनमानस के जीवन में पूरी तरह से उथल -पूथल हो गया है। एक तरफ लोगों के रोजगार छीन गये हैं, वही दूसरी तरफ वस्तुओं का दाम बढ़ा दिया गया है। जनमानस पूरी तरह से परेशान है।कोरोना के संक्रमण को रोकने में सरकार द्वारा लाकडाऊन कर दिया गया। रेलवे ने ट्रेन का संचालन रोक दिया। फिर श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई गयी और अब कुछ और स्पेशल ट्रेन भी चल रही है, परंतु यात्रीयों की संख्या ट्रेन की अपेक्षा कई गुना ज्यादा है। परिणाम यह है कि यात्रीयों को टिकट उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इसका सीधा फायदा टिकट दलाल उठा रहे हैं। वर्तमान समय की टिकट वितरण व्यवस्था इतना खराब है कि छ: सौ रूपये में मिलने वाला द्वीतीय श्रेणी का टिकट 3000 रुपये तक मिल रहा है। इतना ही नहीं मजबूर होकर लोग कोरोना के भय को त्याग कर वेटिंग टिकट लेकर यात्रा करने लगे हैं जिससे न केवल भीड़ बढ़ गयी है बल्कि संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है।
ऐसे में सरकार द्वारा एक तरफ करोड़ों का बजट कोरोना के नाम पर खर्च किया जा रहा है, स्कूल- कालेज बंद कर दिया गया है और रेल प्रशासन की लापरवाही से इसके द्वारा होने वाले संक्रमण के खतरे की अनदेखी की जा रही है।आर्थिक रूप से कमजोर यात्री हलाकान हो रहें हैं और इस पर गंभीरता से विचार नहीं किया जा रहा है।