भदोही। जिले के ऊंज थाना के विभिन्न गांवों में बारिश का पानी मुसीबत बन गया है। कही बारिश की वजह से किसी का आशियाना ध्वस्त हो गया, तो किसी का घर पानी से घिर गया है। और लोग पानी की गंदगी व बदबू से परेशान है लेकिन करे तो क्या करें? प्रशासन के तरफ से कोई ठोस कदम न उठाने से लोग परेशान है। और अपने किस्मत को ही दोषी बना रहे है।
1- विजय यादव, रमईपुर
रमईपुर निवासी विजय और अजीत यादव का मडहा व कच्चा घर पानी से घिर गया है। दिवालों में पानी का सीलन बढ रहा है। कभी भी घर धराशायी हो सकता है। जमा पानी से बीमारी भी फैल सकती है। विजय यादव ने जो भूसा चारा अपने गाय को खिलाने के लिए रखे थे। सब भीग गया है। ग्राम प्रधान और लेखपाल आए उर आश्वासन देकर चले गये। लेकिन आज तक कोई उपाय नही किए।
2- नागेन्द्र बिन्द, कलीपुर
कलीपुर निवासी नागेन्द्र बिन्द का भी झोपडी नुमा घर पानी से चारो तरफ घिर गया है। घर की दिवालों पर पानी का सीलन दिख रहा है लेकिन आज तक कोई जिम्मेदार नागेन्द्र की सुधि लेने नही पहुंचा। नागेन्द्र ने बताया कि ग्राम प्रधान ने आवास की बात कही थी लेकिन नही मिला। बताया कि वह मुम्बई में रहकर मजदूरी करता है और पैसे की कमी से घर नही बनवा सकता है। क्योकि एक बेटी शादी योग्य हो गई है। इसलिए ऐसे ही टूटी झोपडी में भगवान भरोसे रह रहा हूं।
3-ऋषि नारायण पाल, बेलहुआ
बारिश की पानी के वजह से ऋषि नारायण के घर में दो फीट पानी घुस गया है। सारा गृहस्थी का सामान उस घर से निकाल लिया गया है। और आने जाने के लिए बांस व लकडी का पुल बनाया गया है। जब लेखपाल देखने आए तो बताया कि जब घर गिर जायेगा तभी सहायता मिल सकती है। अभी कुछ नही हो सकता है। इसी तरह बेलहुंआ के रामजीत और रामधनी के घर के पास भी पानी पहुंच गया है लेकिन इन लोगों को प्रशासन के तरफ से कोई सहयोग नही मिल रही है। सभी भगवान भरोसे है।
4- रामसागर विश्वकर्मा, मंगापट्टी
पिता लालमणि की मृत्यु के बाद रामसागर मेहनत मजदूरी करके कच्चा मडहा और टीनसेड रखकर अपने परिवार के साथ मंगापट्टी में सडक के किनारे रह रहा है। लेकिन करीब दस दिन पहले हुई बारिश से रामसागर का घर बारिश से ध्वस्त हो गया। लेकिन आज तक सरकारी नुमाइंदों ने इस गरीब की सुधि लेना सही नही समझा। और गरीब का परिवार खुले आसमान के नीचे रहने पर मजबूर है। इस परिवार की एक दर्द भरी कहानी यह है कि अगले माह 19 तारीख को रामसागर की बहन की शादी भी है। लेकिन बारिश की वजह से घर का गिर जाना रामसागर के लिए बडी मुसीबत हो गई। रामसागर को चिंता सता रही है कि किस तरह अब वह बहन की शादी करेगा? और प्रशासन और नेताओं के तरफ से अभी तक कोई इस गरीब का हाल लेने नही पहुंचा। रामसागर ने बताया कि अब भगवान का ही भरोसा है जो होना होगा वही होगा।
यह कहानियां तो केवल कुछ लोगों की है जबकि पीडित व परेशान लोग बहुत है। लेखपाल लोग केवल कागजी खानापुर्ति में जुटे है और जमीनी हकीकत से काफी दूर है। बेचारे नेता भी इन पीडित गरीबों का हाल चाल नही ले रहे है। लोग मौसम की मार झेलने के बाद अपनी जिन्दगी को पटरी पर लाने की जद्दोजहद में लगे है। लेकिन प्राकृतिक आपदा से परेशान व पीडित लोगों का सहायता करना बेहद जरूरी है।