Home भदोही गठबन्धन को नुकसान पहुचाने के लिए रमाकांत बने भाजपा के एजेंट

गठबन्धन को नुकसान पहुचाने के लिए रमाकांत बने भाजपा के एजेंट

कांग्रेस प्रत्याशी रमाकांत यादव की पोल खोली मायावती व अखिलेश यादव ने

भदोही। कांग्रेस के प्रत्याशी रमाकान्त यादव जब भदोही में पहुंचे तभी ब्राह्मणों पर एक विवादित बयान देकर खुब सुर्खिया बटोरी और अपने को पिछडो, दलितों व मुस्लिमों का नेता बनाने में पूरी ताकत लगा दी। भदोही में जातिवादी बयान बाजी करने वाले रमाकान्त यादव के बारे में कुछ दिन पहले भदोही के जिलामहासचिव ओमप्रकाश यादव ने आरोप लगाया था कि रमाकान्त यादव कांग्रेस से भले टिकट लेकर चुनाव लड रहे है लेकिन वे आज भी भाजपा में है। इसका उदाहरण देते हुए बताया कि रमाकान्त का लडका आज भी भाजपा में है। दूसरी बात रमाकान्त की यह है कि वे खुद भदोही से सपा-बसपा प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड लड रहे है जबकि कहते है कि आजमगढ में अखिलेश का समर्थन करते है। रमाकान्त की यह दोहरी राजनीति की पोल मंगलवार को अखिलेश यादव व मायावती ने खोलकर रमाकान्त के बातों को खारिज कर दिया। राजनीति के जानकर मानते है कि इस तरह की राजनीति करके रमाकान्त लोकसभा के अखिलेश समर्थकों को गुमराह करके अपने पक्ष में वोट लेना चाहते है। और सच में यह चाल रमाकान्त की सफल दिख रही है और चुनाव तक रह पाती है कि नही?
वैसे रमाकान्त यादव के बयान पर मंगलवार को दो टूक में अखिलेश यादव और मायावती ने कह दिया कि रमाकान्त सच में अखिलेश के समर्थन में होते तो आज भदोही से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव न लडते बल्कि आजमगढ में अखिलेश का प्रचार करते। इस बयान से रमाकान्त यादव के समर्थको में कमी आ सकती है क्योकि अभी तक लोग कांग्रेस के लिए नही रमाकान्त के साथ थे क्योकि रमाकान्त ने लोगो को बताया है कि वे आजमगढ में अखिलेश का समर्थन कर रहे है। लेकिन मंगलवार की जनसभा में अखिलेश यादव ने रमाकान्त के इस बात को नकारते हुए केवल भदोही से केवल सपा-बसपा प्रत्याशी का समर्थन करने की बात कही। जो रमाकान्त के समर्थन वाली बात की पोल खोलने मे काफी था। जिसका असर रमाकांत यादव के समर्थको पर पड सकता है।

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