Home धर्म और संस्कृति भांडुप में पांच दिवसीय कथा का आज होगा समापन

भांडुप में पांच दिवसीय कथा का आज होगा समापन

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मुंबई, उत्तर भारतीय महासंघ भांडुप के तत्वावधान में
भांडुप पाश्चिम के लेक रोड स्तिथ मारुति मंदिर के परिसर में आयोजित श्री राम कथा के दूसरे दिन व्यास पीठ से कथावाचक शिवकांत मिश्रा(सरस्) अपने मधुर स्वर में कहा,
भगवान राम को वनवास के समय जंगल में अनेकों कष्टों का सामना करना पड़ा। इस दौरान श्री राम ने ऋषि-मुनियों के शाप से शापित लोगों को मोक्ष प्रदान किया। वहीं जंगल में सबरी नामक एक बूढ़ी भील महिला जो भगवान राम का इंतजार वर्षो से कर रही थी। भगवान श्रीराम उस सबरी से मिले और उनके जूठे बेर खाकर उसकी भक्ति को सफल बनायबनाया।

चौथी दिन कथा समापन पर महाराज ने भगवान राम की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि राम कथा में सातों शगुन एक साथ उपस्थित रहते हैं। एक बार बहस छिड़ी अशोक वाटिका कैसे फूल थे । लोगों ने कहा श्वेत फूल थे। इस पर हनुमान ने कहा कि नहीं फूल लाल थे। सीता से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पुष्प नीले थे। इसके बाद यह प्रकरण भगवान राम के पास पहुंचा, तो उन्होंने कहा कि शास्त्र गलत नहीं है लेकिन हनुमान और सीता तुम भी गलत नहीं हो। हनुमान जब तुम लंका में गए सीता का हाल देख तुम्हारा मन गुस्से से लाल हो गया इसलिए वह फूल तुम्हें लाल दिखे, सीता तुम्हारे मन में हमेशा मैं ही बसा था यानी मेरा नीलरंग, जो आपको वह फूल नीला दिखाई दिया। अपनी-अपनी जगह दोनों सही हो। यह सुन भक्तों ने खूब तालियां बजा भगवान जय श्री राम के जयकारे लगाएं।

पिछले पांच दिन से लगाता र चल रहे कथा का आज समापन हो जाएगा। कार्यक्रम की संयोजिका योगिता अनुपम दुबे व अनुपम दुबे ने प्रमुख भूमिका निभा रहे है। इस अवसर पर एके पांडेय, ,एच एन सिंह, के आर सिंह,राजकुमार यादव,महेन्द्र तिवारी, गुलाब दुबे,प्रशांत सिंह, विनोद पाण्डेय, स्नेह फाउंडेशन के अध्यक्ष संजय तिवारी, रामजीवन यादव आदि उपस्थित होकर भक्तों का उत्साहवर्धन किया।

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