भदोही। डीघ ब्लाक के केदारपुर में बना स्वास्थ्य केन्द्र बदहाली का शिकार है जिससे लगता है कि यह केन्द्र खुद किसी असाध्य बीमारी से पीडित है। तब यह सवाल उठना लाजमी है कि इस केन्द्र पर कैसे लोगों का टीकाकरण व ईलाज होता होगा? इस केन्द्र में चारों तरफ घास उगा है, यहां लगा हैण्डपम्प खराब है, दरवाजे टूटे व खुले है, रंगाई पोताई जैसे हुई ही न हो। लेकिन यहां पर तैनात स्वास्थ्य कर्मी यहां पर कैसे काम करती होंगी या काम नही करती होंगी? यह तो समय ही बताएगा। वैसे कुछ भी हो विभाग की लापरवाही का चरम उदाहरण केदारपुर में स्थित इस स्वास्थ्य केन्द्र पर देखा जा सकता है। जहां पर गदंगी और लापरवाही का खूब बोलबाला है। कुछ गांव वालों ने बताया कि यहां कभी कभार एक मैडम आती है और कुछ देर बाद चली जाती है।
अब सवाल यह उठता है कि यदि सरकार ने यह स्वास्थ्य केन्द्र खोलने के लिए पैसा खर्च किया है तो यहां एक दो नियमित कर्मचारी भी होने चाहिए। इस केन्द्र की एएनएम कभी कभार आती है और अपना काम करने के बाद चली जाती है। यह केन्द्र बेरासपुर और केदारपुर के महिलाओं के टीकाकरण व प्रसव के लिए बना है। लेकिन यह केन्द्र बदहाली का शिकार हो गया है। स्वास्थ्य विभाग के लापरवाही से लगा सरकारी धन का दुरूपयोग हो रहा है। यदि केन्द्र पर कर्मचारी की तैनाती न हो तो केन्द्र की रखरखाव और सुरक्षा का जिम्मेदार कौन होगा? यदि इस केन्द्र पर तैनात किसी भी कर्मचारी को नियुक्त किया गया है तो उस कर्मचारी को लापरवाही करने पर विभाग को सख्त होना बेहद जरूरी है। नही तो जिले में बने ऐसे केन्द्र बदहाली के शिकार होते रहेंगे।