मुम्बई। स्कूल में 12 वर्षीय छात्रा से रेप के मामले में टीचर और हेडमास्टर को कोर्ट ने दस साल की सजा सुनाई है। इस मामले में छात्रा के नाबालिग सहपाठियो ने दोनों के खिलाफ गवाही में बताया कि टीचर उसे गंदी नियत से छूता था। उन्होंने बताया कि टीचर ने बच्ची की नंगी तस्वीरें भी अपने मोबाइल में खीचीं। बता दें 12 वर्षीय छात्रा के साथ 2013 में रेप हुआ था। टीचर के कारनामें को छुपाने के लिये हेडमास्टर को सजा दी गयी है।
इस मामले में जस्टिस संभाजी शिंदे और अजय गटकरी ने कहा कि पूरी घटना बच्ची और उसके सहपाठियों ने कोर्ट को मौखिक बताई है। अभियोजन पक्ष की ओर से जो चश्मदीद पेश किए गए उनके बयान एक दूसरे से मेल खाते हैं। जजों ने कहा कि पीड़िता नाबालिग छात्रा और उसके हमउम्र सहपाठी चश्मदीद हैं। उन सबने एक ही तरह के बयान दिए हैं। उन्होंने बताया कि टीचर क्लास में उनकी आपत्तिजनक तस्वीरें खींचता था। हेड मास्टर को इसकी जानकारी थी लेकिन वह उसे सपॉर्ट करती थीं। बेंच ने कहा कि बच्ची अपनी मां, दो बहनों और भाई के साथ गांव में रहती है। उसके पिता नहीं है और उसकी आर्थिक स्थिति खराब है। टीचर की धमकी के कारण बच्ची शांत रही और उसने किसी को कुछ नहीं बताया। जब एक दूसरी बच्ची की ओर से एफआईआर दर्ज की गई तो उसके अंदर भी हिम्मत आई और उसने एफआईआर दर्ज करवाई।
जज ने कहा कि एक टीचर स्कूल में छात्रों का अभिभावक होता है। बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी उसकी होती है लेकिन इस टीचर ने जो अपराध किया वह घिनौना है। बच्ची ने अपनी शिकायत में कहा था कि एक दिन टीचर ने उसे क्लास में धक्का दिया और उसका शारीरिक शोषण किया। उसने बताया कि स्कूल की हेड मास्टर ने क्लास का दरवाजा बाहर से बंद किया था। इस मामले में बच्ची का मेडिकल, आरोपी के पास से बरामद बच्ची की आपत्तिजनक तस्वीरें भी इस केस में अहम साबित हुईं।