वास्तव मे कुछ महामानवों के वजह से ही धरती टिकी हुई है!इस बात पर विश्वास हो जाता है जब हम किसी को निस्वार्थ रुप से मानवता की सेवा करते हुए देखते है! जहाँ एक तरफ , घोटाले और शोषण चल रहा है, व्यक्ति, व्यक्ति का दुश्मन बना हुआ है, वही रतन टाटा जैसे इंसान ने कोरोना महामारी के इस भीषण संकट मे न कैवल राहतकोष में 1500 करोड़ रूपये दिये बल्कि अपने होटल भी दे दिए है!
जिस होटल का एक दिन के रहने का खर्चा पंद्रह हजार से शुरू होकर डेढ़ लाख तक हो, जहां एक चाय 600 रुपये में मिलती हो, वहां कोरोना उपचार में लगे हुये डॉक्टर्स और नर्स बिल्कुल मुफ्त रह रहे हैं! रतन टाटा ने अपने आलीशान और विश्व के सबसे महंगे होटलों में से एक ताज होटल को कोरोना से लड़ने वाले डॉक्टरों, नर्सों और दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए रहने और खाने को दे दिया है। डॉक्टर और नर्स ताज होटल में ठहर कर सेल्फी पोस्ट कर रहे हैं, लिख रहे हैं हमारा तो सपना ही था कि हम कभी ताज होटल में ठहरें……
सोच कर ही व्यक्ति कितना रोमांचित हो जाता है! आज की गला काट राजनीति से हटकर समय-समय पर ऐसे महामानव मिशाल पेश करते रहते है और शायद तभी अब तक मानवता जिंदा भी है…।