भदोही – काशी-प्रयाग मध्य ध्वजवाहकों की नगरी है लेकिन यहां देवी-देवताओं के दरबार को भी हलाकन की भेंट चढ़ाने वाले नेताओं की कमी नहीं है। ‘राजनैतिक धर्म’ तो अब सिर्फ़ ‘राजनीतिक धर्म’ बन चुका है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि ऐसा मानना है काशी-प्रयाग मध्य के ‘सवरपुर’ गांव के महादेव भक्तगणों एवम् सामाजिक-धार्मिक समाज के बुद्धिजीवियों का।
गौरतलब है कि (भदोही जनपद) काशी प्रयाग मध्य में चौरी महराजगंज रोड पर भी एक धार्मिक गांव बसा है, जिसे ‘सवरपुर’ गांव के नाम से जाना जाता है। पोस्टालय परसीपुर का ऐ गांव भले ही जिला भदोही में है लेकिन यहां के ‘विधायकजी’ एवम् ‘सांसदजी’ का शायद नेटवर्क फेल है। महराजगंज रोड पर चौरी बाजार से मात्र ३ किलोमीटर पर बसे इस गांव की दूरी भदोही से भी महज ७ से १० किलोमीटर है। ‘मातृभूमि संकल्प’ की धार्मिक टीम द्वारा भदोही जनपद में उठे सार्वजनिक ‘सोलर लाइट’ के दुरुपयोग मामले में ‘सवरपुर’ गांव के धार्मिक लोग भी दहाड़ लगाने लगे हैं। यहां पिछले ७ वर्षों से भव्य दुर्गापूजा परदेश बसे गांव-समाज के युवाओं की उपस्थिति में कुरूतियों के विरूध्द नाट्य प्रस्तुति के साथ मनाया जाता है।
महादेव (सवरपुर) धाम में अंधेरा..
श्रीगुरु दुर्गापूजा सेवा समिति (सवरपुर) के प्रमुख सतीश मिश्रा बताते हैं कि यहां महादेव का मंदिर बहुत ही पुराना एवम् प्राचीन है। यहां वोट मांगने विधायकजी तो छोड़िये वर्तमान सांसद वीरेन्द्र सिंह (मस्त) भी कुछ करीबीयों के साथ तो आये थे लेकिन महादेव धाम की सुध नहीं ले रहे हैं। शायद इन्हें लगता है कि ‘महादेव’ इनके ‘मतदाता’ नहीं है लेकिन यह भूल जाते हैं कि महादेव भक्तगणों के पास ‘महादेव’ की कृपा से ‘वोट बैंक’ की ताकत है। लाखों सार्वजनिक ‘सोलर लाइट’ भदोही के विकास में खपाने का दावा भले ‘सांसदजी’ मीडिया में कर रहे है लेकिन अधिकांश दरबारियों के द्वार पर यह ‘भदोही विकास’ हम भी खुद भाजपाई बतौर देख रहे हैं और सिर्फ वक्त का इंतजार है कि कभी ना कभी नेताजी फिर वोट मांगने आयेंगे तो ‘महादेव’ खुद हिसाब-किताब करेंगे।
‘कवन्नी काट’ प्रतिक्रिया विधायक की..
इस संदर्भ में स्थानीय विधायक रविंद्रनाथ त्रिपाठी की प्रतिक्रिया लेने की कोशिश इस संवाददाता द्वारा गयी तो उन्होंने दावा किया कि सदैव ‘सवरपुर’ जाते हैं लेकिन ‘प्राचीन महादेव दरबार’ के नाम पर चुप हो गये। ‘सार्वजनिक सोलर लाइट’ की बात कही गयी तो दावा करने लगे की ‘शीघ्र’ लग जायेगा लेकिन जब पूछा गया ‘समयावधि’ तो फिर कवन्नी काट गये कि अभी जब आयेगा तब..। ‘विधायकजी’ सफाई में विद्युतीकरण करवाया जा रहा है और शाम ६ बजे लाईट आ जाती है का दावा करने लगे लेकिन जब यह पूछा गया कि दर्जनों ‘सार्वजनिक सोलर लाइट’ सपा-बसपा एवम् स्थानीय भाजपाई कार्यकर्ताओं के द्वार पर कैसे..? तो इशारे ही इशारे में कवन्नी काटते बोल दिये कि जिसने ‘सार्वजनिक सोलर लाइट’ दिया हो वो जाने क्यों कि हमनें ‘सार्वजनिक सोलर लाइट’ ही नहीं बाटा है।