सीतामढी–( भदोही ) डीघ ब्लाक के धनतुलसी ग्रामसभा के गजाधर पुर गांव में काशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष प्रो.राम यत्न शुक्ल के यहाँ आयोजित भागवत कथा में एक सम्मान समारोह में काशी के दर्जन भर से अधिक विद्वानो को एवं स्थानीय विद्वानो को रूद्राक्ष की माला एवं अंगवस्त्र भेटकर सम्मानित किया। सम्मान समारोह में जगद्गुरू शंकराचार्य महाराज के शिष्य स्वामि श्री अविमुक्तेश्वरानन्द महाराज का चरण पादुका पूजन डा.रामाश्रय शुक्ल ने किया। अपने आशीर्वचन में स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानन्द ने कहा की जैसे अयोध्या में भगवान राम पधारे थे उसी प्रकार यहाँ विद्वान पधारे हैं। ये विद्वान न होते तो भागवत जी की व्याख्या कौन करता। भागवत का प्रारम्भ जन्म से होकर, समापन मुक्ति से होती है। इसलिए भागवत को हर मानव को जीवन में उतारना आवश्यक है। अतः विद्वानों को प्रोत्साहित किया जाना परम हर्ष का विषय है। समय क्षण-क्षण बीत रहा है , समय को किसी तरीके से नही रोका जा सकता है अतः समय का सदुपयोग सद्कर्मो के लिए करें। यह कृष्ण नाम हमारे कल्याण का कारण है। अतः नाम धन जरूर कमाएं। प्रो.शिवजी उपाध्याय, प्रो.प्रभुनाथ द्विवेदी, डा.वशिष्ठ जी त्रिपाठी, प्रो.नरेन्द्र नाथ पाण्डेय, प्रो.विन्देश्वरी प्रसाद मिश्र, डा.हरेकृष्ण जी, केन्द्रीय ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष डा.सतीष मिश्र, पं.मधुशूदन शुक्ल सहित दो दर्जन विद्वानो को सम्मानित किया साथ ही साथ आयोजक द्वारा स्थानीय विद्वान पं.देवेन्द्र त्रिपाठी जी को पांच पांच हजार रू. नकद एवं अंगवस्त्र भेट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में ज्ञानपुर विधायक मा.विजय मिश्र ने मंचपर पहुंचकर व्यासपीठ एवं विद्वानो का आशीर्वाद लिया ।