भदोही। सरकार का प्रयास रहता है कि सभी नागरिक सुरक्षित रहे लेकिन कभी कभी तकनीकी खामियों की वजह से नागरिकों की सुरक्षा में खतरे की संभावना बढ जाती है। और उस समय वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में ‘जुगाड़’ का जुगाड़ होता है जो लम्बे समय तक न सही लेकिन कुछ समय तक तो काम चलाने में सहायक होता है। एक ऐसा ही नजारा मंगलवार को गोपीगंज क्षेत्र के कौलापुर रेलवे फाटक पर देखा गया जहां पर रेलवे गेट में कुछ खराबी आ गई है और उस मार्ग पर लोहे की चैन से दोनों तरफ के राहगीरों को रोकने के लिए लगाया गया है।
मालूम हो कि रेलवे गेट बंद होने पर भी कई बार राहगीर अपनी जान जोखिम में डालकर गेट बंद होने के बावजूद आर-पार जाते है। और लोहे की चैन का जुगाड़ से कितना कारगर साबित होगा राहगीरों के लिए? रेलवे विभाग का यह जुगाड़ कितने दिन तक प्रभावी रहता है? वैसे राहगीरों को चाहिए कि रेलवे ट्रैक को पार करते समय सावधानी बरतें और सभी दिशा निर्देश को मानें। यदि हम सरकार के कार्यों में सहयोग करेंगे तभी एक अच्छे नागरिक होने का फर्ज निभाएं। सरकार के सभी नियम कानून आम जनता के हित के लिए ही होते है।