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सूरत में उत्तर भारतीयों के अभिभावक की भूमिका निभाते हैं भदोही के सज्जन भाई

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सूरत। कहते है मानव सेवा से बढ़कर कोई सेवा नहीं होती है । मानव को हमेशा एक दूसरे के सुख दुख में सम्मिलित होकर एक दूसरे की हौसले को बढ़ाना चाहिए। पर आज के समय में ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है कि ऐसी विचार धारा के लोग मिले । फिर भी समाज में ऐसे बहुत से लोग हैं जो दूसरे के दू:ख दर्द को अपना समझकर उनके लिये कुछ भी करने के लिये तत्पर रहते हैं। उन्हीं में से एक है भदोही के दीनानाथ उपाध्याय उर्फ सज्जन भाई जो सूरत में उत्तर भारतीयों के लिये अभिभावक की भूमिका का निर्वहन करते हैं।

भदोही जिले के सुरियावां ब्लॉक के छोटे से ग्राम सभा मानशाह पुर के ग्राम बंशीपुर पुर के निवासी दीनानाथ उपाध्याय उर्फ सज्जन भाई के सामाजिक कार्य आज के समय में ऐसी ही मानव सेवा का एक जीता जागता उदाहरण है । लगभग 20 साल पहले उन्होंने ने रोजगार के सिलसिले में भदोही से सूरत का रुख किया और अपने मेहनत और लगन से जीवन की हर बाधाओं से लड़कर जीवन में एक ऐसा आयाम स्थापित किया है जो आज उत्तर भारतीयों के लिए गर्व की बात है । उपाध्याय जी उत्तर भारतीयों की हर समस्या में हमेशा आगे रहकर उनके सुख दुख में सम्मिलित होकर लोगो की हौसला को बढ़ाते रहते है ।

अगर भदोही या उसके आस पास के जिलों से कोई भी व्यक्ति रोजगार या किसी दूसरे काम से सूरत आया है तो सज्जन भाई उनकी हर तरह से मदद के लिए सबसे पहले आये है । वर्तमान में सज्जन भाई समाज सेवा में लगे हुए है और उत्तर भारतीयों के लिए एक अग्रणीय अभिभावक की तरह उत्तर भारतीय समाज के लोगों को एकदूसरे को जोड़ने का प्रयास में लगे रहते है । ‘हमार पूर्वांचल रिपोर्टर’ से हुई बात चीत में उन्होंने बताया कि हम सब को संगठित होकर हमेशा मानव कल्याण के लिए आगे आना चाहिए और मानव सेवा से बढ़कर कोई सेवा नहीं है और शायद इसी का परिणाम है कि आज सज्जन भाई को उत्तर भारतीय समाज के एक प्रसिद्ध संगठन राष्ट्रवादी युवा वाहिनी ने उनको उधना विधान सभा का संयोजक बनाकर सम्मानित किया है ।

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