मरने वाले अधिकतर यूपी बिहार के
सुरत से पवन मिश्रा की रिपोर्ट
सूरत पांडेसरा में एक फैक्ट्री का ब्वायलर फटने से शालू मिल की तीन मंजिला बिल्डिंग ढह गयी जिसमें सैकड़ों लोगों को मरने की आशंका जतायी जा रही हैं। हालांकि चर्चाओं में लोग कई कारीगरों के मरने की आशंका जताई गई है । घटना 8 जून के रात दो बजे की है। मिल के एक कर्मचारी के अनुसार जो नाम न बताने की शर्त पर बताये की मिल की जर्जर होना घटना का कारण बनी है।
कर्मचारी के अनुसार मील तीन मंजिला थी जिसमे करीब 180 कारीगर एक पाली में काम करते है । कर्मचारी ने बताया कि रात पाली में सभी कारीगर अपने अपने कामो में लगे थे सबसे पहले मील का सबसे ऊपरी छत दूसरे छत पर गिरी दूसरे छत पर करीब 100 कारीगर काम कर रहे थे दूसरा छत भी इतना कमजोर था कि तीसरे छत का भार नही सह पाया वह भी टूट गया और पहले छत पर जा गिरा जिस पर करीब 150 कारीगर थे यह घटना यही नहीं रुक पहला छत भी ग्राउंड के छत पर गिर गयी जहां करीब 250 कारीगर काम कर रहे थे ।
हालांकि अभी तक कितनी मौत हुई है और कितने लोग काम कर रहे थे, सही आंकड़ा नहीं मिल पाया है। जिसकी समझ में जो आ रहा है वहीं आंकड़ा बता रहा है। लोग इतने बदहवास हैं कि कई प्रकार की चर्चाये कर रहे हैं। जबकि प्रशासन चार पांच मौत ही बता रहा है। सही जानकारी जांच होने के बाद ही मिल पायेगी।
प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार रात में किसी भी कारीगर के बचने का कोई चांस ही नही है। सुबह करीब 8 बजे जब हमार पूर्वान्चल के रिपोर्टर मील पर गए तो पुलिस प्रशाशन मील को पूरी तरह से घेर रखी थी किसी को भी उसके आस पास भटकने नही दे रहे थे । यहाँ तक कि गिरे हुए मिल का फोटो लेने से रोक रहे थे । आसपास के लोगों का कहना है कि प्रशाशन गरीब मजदूरों के साथ अन्याय करेगा।
पांडेसरा के अन्य मिलों के कर्मचारियों की मानें तो ये सूरत की मिलों की आम बात है जब जब सूरत की मिलो में ऐसी हृदय विदारक घटना हुई है तब तब मील के मालिक प्रशाशन की मदद से गरीबों के हक को मारा है। घटना से हुए नुकसान की भरपाई को दबाने के लिए मजदूरों के परिवार के साथ अन्याय किया है। कुछ मजदूर आपस मे बाते कर रहे थे gidc में कई इतनी बड़ी घटना हुई है और प्रशाशन सिर्फ 4 मौत की पुष्टि कर रही है।
पांडेसरा के लगभग 80% मिलों कि दशा जर्जर है । फिर भी प्रशाशन और दुसरे विभाग के आला अधिकारी इसकी अनदेखी करते रहे है। अब देखना है कि मील के मालिक द्वारा गरीब कारीगरों की सुरक्षा को लेकर क्या क्या दावे किए जाते है। क्या मील की दुर्घटना में सही आकड़े आते है या फिर एक बार गरीबों की आवाज को दबा दिया जाएगा। सिर्फ झूठी आंकड़े दिए जाएंगे और ऊपर के आला अधिकारियों से साठ गांठ से मामले को रफा दफा कर दिए जाएंगे। क्या सभी गरीबो को उचित मुवावजा मिलेगा। या फिर उनके शरीर के साथ बर्बरता की जाएगी और उनका परिवार उनके शरीर को भी नही देख पाएंगे । क्यों कि अतीत में कई ऐसी घटनावो में मृत शरीर को मिल के बोईलर में डाल कर जला दिया गया था। हमार पूर्वान्चल की टीम इस मामले में पूरी तरह से ध्यान गड़ाए हुए है जो भी कारीगर भाई इस मिल में काम करते थे सब उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश और बिहार राज्यो के थे।
बहुत ही दुःखद घटना !
भगवान मृतकों की आत्मामा को शांति प्रदान करे !
बहुत दुखत गटना ह जीतने हि मजदुर डटि पर थे ईनकि हाजरि व सिसि टिवि फुटेज ले मे परसासन को हाथ जेड कर विनति करता हु कि जो हमारे मजदुर बाई गायल व मरे ह उनके साथ नयाय हो मे मिल मालिक को हाथ जोड कर विनति करता हु कि साफ जो गायल व मरे ह उनके अपने गाव पहुचाए व गरिब परिवार कि मदद करो