आया दौर चुनाव का,
लोकसभा का यार ।
शंखनाद अब हो चुका,
चालू हुआ प्रचार ।।
चालू हुआ प्रचार,
लग गई तोड़ा जोड़ी ।
थाम्हे सभी लगाम,
भले हो लंगड़ी घोड़ी ।।
कहें ‘मधुर’ कविराय,
शेर को घेरे गीदड़ ।
करेगा जभी दहाड़,
मचेगी सरपट भगदड़ ।।
सदाशिव चतुर्वेदी ‘मधुर’