सोशल मीडिया को यदि अफवाहों का अड्डा कहा जाय तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। ऐसा ही हुआ मुम्बई मर्डर केस में जब एक करीबी मित्र को ही मनोज दूबे का हत्यारोपी मान लिया गया। इसे लेकर जहां लोगों में गलत संदेश गया वहीं मीडिया को भी अपनी जिम्मेदारी के प्रति सचेत होने को विवश होना पड़ा।
बता दें कि किसी विवाद को लेकर जौनपुर निवासी व मुम्बई में कांग्रेस नेता मनोज दूबे की रविवार की रात हत्या कर दी गयी। इस मामले में हत्यारोपी का नाम किसी कथित सुनील दूबे का सामने आया। हालांकि उक्त आरोपी कौन कथित सुनील है यह किसी को भले ही पता न हो, लेकिन अफवाहवश लोगों ने उस सुनील दूबे को समझ लिया जो मनोज दूबे के खास मित्र हैं। जो घाटकोपर के एक संभ्रांत व्यक्ति और समाजसेवी हैंं। इतना ही नहीं बल्कि मुम्बई के साथ अपने गृहजनपद में भी समाजिक कार्यों में सहभागिता निभाते हैं और लोगों में लोकप्रिय बने हुये हैंं। इस घटना से सुनील दूबे का कोई संबंध नहीं है और उनकी तथा उनके परिवार की पूरी संवेदना मृतक के साथ है।
हालांकि ऐसे मामलों में मीडिया को सावधानी बरतनी चाहिये और अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सजग होना चाहिये जिससे किसी की भावना या मान सम्मान प्रभावित न हो। ‘हमार पूर्वांचल’ अपने दायित्वों को भलीभांति समझता है और ऐसी किसी भूल को सुधारने में यकीन रखता है। यदि गाहे बगाहे भूलवश ऐसी गल्तियां हो जाती हैं तो अपनी भूल को स्वीकार करने में ‘हमार पूर्वांचल’ कभी कोताही नहीं बरतेगा। हमार पूर्वांचल समाज के प्रत्येक व्यक्ति के मान सम्मान के प्रति जागरूक है। पूर्वांचल के लोगों के अधिकार और उनके सम्मान की बात ‘हमार पूर्वांचल’ सदैव उठाता रहेगा।
बहुत बढ़िया message समाज औऱ मीडिया हाउस को !
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