Home मुंबई उज्जैन में साहित्यकारा अलका पाण्डेय “विघावाचस्पति “ सम्मान से हुई सम्मानित

उज्जैन में साहित्यकारा अलका पाण्डेय “विघावाचस्पति “ सम्मान से हुई सम्मानित

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मुंबई। अखिल भारतीय अग्निशखा मंच की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती अलका पाण्डेय (वरिष्ठ समाज सेविका व साहित्यकार) के निरन्तर समाजिक व साहित्यिक कामों तथा सतत हिन्दी भाषा के प्रचार प्रसार में योगदान को देखते हुए 13 दिसम्बर 2019 को पावन क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित श्री मौनीतीर्थ उज्जैन में एक भव्य समारोह में अपने चौबीसवें अधिवेशन के अवसर पर विद्यापीठ के कुलपति डा. तेज नारायण कुशवाह जी कुलाधिपति आचार्य श्री सुमन भाई जी महाराज और कुल सचिव श्री देवेन्द्र साह जी के हाथों विद्यावाचस्पति की मानद उपाधि से सम्मानित किया।

“विक्रमशिला विद्यापीठ सामाजिक, साहित्य तथा हिंदी भाषा की विशेष सेवा हेतु विद्यावाचस्पति सम्मान से सम्मानित करता है। यह सम्मान अलका पाण्डेय को दिया गया।
अलका पाण्डेय की अबतक पाँच किताबें प्रकाशित हो चुकी है १) बैचेन हुये हम २) महिलाओं के अधिकार क़ानून के दायरे में ३) ओंस के मोती ४)लघुआकाश और पच्चीस साँझा संकलन में रचनाये आई है। अनोखा क्रांति पथ अख़बार का प्रकाशन व सम्पादन पाँच वर्षों तक किया।

दो बाल साहित्य पुस्तकों का सम्पादन १) “नवांकुर “२) मराठी बाल पुस्तक “शब्दांचे शिल्पकार “ और एक साँझा संकलन का सम्पादन . “अग्निशखा काव्य धारा “ तथा “अग्निशखा कथा धारा “ का भी सम्पादन किया है। कई पत्र पत्रिकाओं में लेख कहानी, कविताये, प्रकाशित होती रहती है।

अलका पाण्डेय अग्निशिखा के माध्यम से पच्चीस वर्षों से समाजिक व साहित्यिक कार्य करती आ रही है । अश्लीलता विरोधीआदोलन, आदिवासियों के लिये , एड्स नियंत्रण के लिये, महिला सशक्तिकरण के लिये , पर्यावरण ,घरेलू हिंसा,
परिवारिक विघटन रोकने आदि उनके इन्हीं तमाम कामों व साहित्यिक निरन्तर चलने वाली गतिविंधीयो को देखते हुये
कई गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में ( डाक्टरेट )
“विघावाचस्पति “ की यह मानद उपाधि प्रदान की गयी।

अलका पाण्डेय ने कहा
मैं विद्यापीठ के कुलाधिपति , उपकुलपति व अन्य पदाधिकारियों का हृदय से धन्यवाद करती हूँ ।और मेरे शुभचिंतकों मेरे परिवार व मेरे सभी दोस्तों का जो मुझे लगातार बधाई दे रहे हैं उन सभी को हदयतल से धन्यवाद देती हूँ।

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