शनिवार को भदोही जिले के इब्राहिम पुर गांव में गंगा में डूबकर दो बच्चियों की मौत के कारण पूरा गांव मातम में हैं, वहीं सवाल उठ रहा है कि दोनों बच्चियों की मौत कैसे हुई। क्या बच्चियों की मौत गंगा की तेज जलधारा में डूबने से हुई या फिर बेतहाशा बालू खनन ने दोनों बच्चियों की जान ले ली।
बता दें कि गोपीगंज थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर गांव निवासी लोलारक शर्मा की दो पुत्रियां रिया 12 वर्ष और प्रिया 10 वर्ष दोनों गंगा के किनारे गाय चरा रही थी। इसी दौरान एक बहन गंगा के किनारे खड़ी होकर जलधारा को निहारने लगी। अचानक किनारे की मिट्टी खिसकी और वह पानी में जा गिरी। बहन को डूबता देखकर दूसरी बहन से नहीं रह गया और उसे बचाने वह भी गंगा में छलांग लगा दी। किन्तु पानी गहरा होने के कारण दोनों बहनों की डूब कर मौत हो गयी।
बता दें कि जिस घाट पर बच्चियां गाय चरा रही थी। वह घाट सपाट है। अभी पानी इतना नहीं हुआ है कि किनारे की मिट्टी का कटान शुरू हुआ हो। गंगा के सपाट घट पर आखिर यह हादसा कैसे हुआ यह सवाल लोगों के जेहन में तैर रहा है। यदि घटना पर गौर करें तो दोनों बच्चियों की डूब कर मौत हुई लेकिन शव वहीं पर था। यदि गंगा की तेज धारा में डूबने से मौत हुई होती तो दोनों शव घटना स्थल पर नहीं मिलते बल्कि दूर बहकर निकल गये होते।
गौरतलब हो कि इब्राहिमपुर गंगा घाट ही ऐसा है जहां पर बालू का ठेका दिया दिया गया था। वहां पर मशीन के द्वारा भारी मात्रा में बालू खनन हुआ और गढ्ढे बन गये थे। दोनों बच्चियों को उन गढ़ढों का पता नहीं था और वे फिसल कर गहरे पानी में जा गिरी और डूब गयी। यह हगरा पानी गंगा का नहीं बल्कि बालू खनन से हुये गढ्ढों में था।
बालू खनन का ठेका शासन द्वारा दे दिया जाता है लेकिन बालू खनन कैसे और किस मानक पर होगा। इसपर प्रशासन ध्यान नहीं देता। ठेकेदार मनमानी ढंग से बालू खनन करके जानलेवा गढ्ढे तैयार कर दिये थे। जो उन बच्चियों के मौत का कारण बना।लोगों का कहना है कि यह कोई आकस्मिक घटना नहीं है बल्कि घटना होने के हालात ही पैदा कर दिये गये। लिहाजा पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा मिलना चाहिये।