Home भदोही संस्कारिक सास-बहू तो मां-बेटी जैसी रहती है-स्वामी निर्मल शरण महराज

संस्कारिक सास-बहू तो मां-बेटी जैसी रहती है-स्वामी निर्मल शरण महराज

भदोही। ज्ञानपुर स्थित मुखर्जी पार्क में चल रही संगीतमय श्रीराम कथा में अयोध्या से पधारे स्वामी निर्मल शरण जी महाराज ने प्रवचन में सीता स्वयंवर की कथा में बड़ा ही मनोरम भाव व्यक्त किया। स्वामी जी ने समाज में विवाह में हो रही सौदेबाजी पर कहा कि पहले लड़की पक्ष वाले स्वयंवर रखते थे और आज लड़के पक्ष वाले रख रहे है।

कहा कि जैसे अर्जुन ने तेल के कड़ाही में देख कर ऊपर नाचती हुई मछली के आंख में निशाना लगाया तो द्रोपदी को प्राप्त किये। भगवान राम ने शिव धनुष तोड़ने के बाद सीता से विवाह किया। स्वयंवर पहले भी होता था और आज भी हो रहा है लेकिन आज स्वयंवर की शर्त लड़के वाले रखते हैं कि जो लड़की का बाप मेरी मांग पूरी करेगा, उसी की बेटी मेरे घर की बहू बनेगी।दहेज का कलंक समाज पर इतनी हावी होता जा रहा है कि लोग बिना दहेज लिए शादी नहीं कर रहे है।

स्वामी जी ने बताया कि कैकई के साथ मंथरा भी दहेज में आई थी और मंथरा ने अयोध्या की ईट से ईट बजा डाली। ठीक आज भी जो लोग बहुत दहेज लेते हैं बहू के आते ही घर में अलगाव हो जाता है। और बाद में बहू को दोष देते है। कहा कि दहेज के लिए अपने को लोभी मत बनाए केवल एक सुंदर सुशील व संस्कारवान बहू ले आए जो आपके परिवार में सुख और शान्ति बनाए रखेगी। कहा कि यदि बहू अपने सास में अपनी मां का और मां अपनी बहू में बेटी का भाव रखकर व्यवहार करें तो उस घर में साक्षात् लक्ष्मी की कृपा बरसेगी बस जरूरत है तो भावना में परिवर्तन करने की।

कहा कि दहेज के नाम पर दूसरों की बेटियों को प्रताडित करने वालों को भगवान कभी भी माफ नही करेंगे। साथ में स्वामी जी ने कहा कि पूरा समाज केवल बहू चाहता है लेकिन बेटी नही, तो यह कैसे संभव है? बेटियों को संस्कारवान बनायें क्योंकि पूजा हमेशा गुण की होती है किसी के रूप की पूजा नहीं होती। कहा कि सीता स्वयंवर में एक से एक बाहुबली राजा आए थे पर धनुष किसी से हिला तक नहीं उसी धनुष को भगवान राम ने तोड़कर सीता को पत्नी रूप में स्वीकार किया। कहा कि स्वामी तुलसीदास ने सीता स्वयंवर में आये सभी राजाओं को मूर्ख लिखा

“तमकि धरहिं धनु मूढ़ नृप,
उठइ न चलहिं लजाइ”

मूढ़ (मूर्ख) इसलिए लिखा क्योंकि मुंबई टीकाकार के हिसाब से जिस समय सीता स्वयंवर था उस समय सीता की उम्र मात्र छ: वर्ष थी। पुत्री समान सीता से बड़े बड़े राजा महाराजा विवाह की इच्छा रखते हैं तो उन्हें मूर्ख नहीं कहेंगे तो और क्या कहेंगे? श्री राम सीता विवाह का प्रसंग सुनकर श्रोता भाव विभोर हो उठे। आज की मुख्य आरती में अनिल पाण्डेय, अरविंद तिवारी, रोहित तिवारी, मनोज तिवारी, जितेंद्र पांडेय, विनीत मिश्रा, अजिता पाण्डेय समेत काफी संख्या में भक्त उपस्थित रहे।

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