भदोहीl गोपीगंज क्षेत्र के बेरासपुर में आयोजित विशाल निरंकारी सत्संग में आये निरंकारी साधकों ने अपने अपने विचार, गीत, भजन व्यक्त कियेl
सत्संग में मुखी लालजी महराज ने कहा कि संसार की दौलत लोक व परलोक को बिगाड़ सकता है जबकि भगवत नाम की दौलत दोनों लोकों से मुक्ति का साधन हैl कहा कि सत्संग से ही जीव को शांति मिल सकती है, सत्संग में विश्व के सारे सुख समाये है, सत्संग तो सदगुरू की कृपा से ही मिल सकती हैl कहा कि भगवत प्राप्ति केवल सदगुरू की कृपा से ही होगी न कि पूजा, पाठ, जप, तप, व्रत, दान सेl सद्गुरू की कृपा मात्र से संसार के सारे बंधनों से मुक्ति मिलती हैl कहा कि भक्ति में स्वार्थ नही होना चाहिये, यदि भक्ति नि:स्वार्थ रहती है को भगवान उस भक्त के पीछे रहते है, भक्ति में छल, कपट, लालच नही होना चाहियेl कहा कि सत्संग अन्त:करण की शुद्धता प्रदान करता है और इससे बडे बडे नीच प्रकृति के लोग भी सज्जन बन कर समदृष्टा बन जाता है और सबको समान भाव से देखता है, क्योंकि यह सब तभी संभव होता है जब सदगुरू की कृपा होती हैl सदगुरू साकार रूप में आकर दुनियां वालों को जगाता है कि आत्मा को सदकार्य व सत्संग के माध्यम से मोक्ष की प्राप्ति करेंl अहंकार करना सभी पुण्यों का नाश करना है मानव को कभी भी अंहकार नही करना चाहियेl जो सच्चे मन से गुरू के चरणों में अपने को समर्पित कर देता है तो सदगुरू तो वह मुक्ति को प्राप्ति कर लेता हैl परिवार को सत्संग में सम्मिलित करने से सभी सदस्यों में प्रेम व शांति का भाव पैदा होता है जो पृथ्वी के स्वर्ग के समान हैl