जौनपुर। माता-पिता, गुरुजनों व भाइयों को दिया सफलता का सारा श्रेय और मां की मृत्यु के दौरान आनलाइन परीक्षा देकर सौम्या ने माता जी को सच्ची श्रद्धांजलि दी।
शाम सूरज को ढलना सिखाती है,
शमा परवाने को जलना
सिखाती है।
गिरने वाले को होती तो है तकलीफ,
पर ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती है।
उक्त बातें सिकरारा विकास खण्ड के शेरवा बाजार के जायसवाल परिवार पर बिल्कुल सटीक बैठती है। उक्त बाजार निवासी रमेश चंद्र जायसवाल की बेटी सौम्या जायसवाल ने आखिरकार परिवार का मस्तक गर्व से एक बार फिर ऊंचा कर दिया। मां स्व. किरन जायसवाल के सपने को पूरा करने के लिए बेटी सौम्या वह करने निकल चुकी है जो शायद परिवार में कभी किसी ने नहीं किया है। मध्यम परिवार से ताल्लुक रखने वाली सौम्या ने महाराष्ट्र प्रदेश के सेण्ट जॉन इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी एण्ड रिसर्च से बीफार्मा अंतिम वर्ष की परीक्षा न सिर्फ अच्छे अंक से उत्तीर्ण किया, बल्कि टॉप 10 में भी जगह बना ली।
सौम्या को 10 में से 9.23 अंक प्राप्त हुये हैं जो टॉपर की श्रेणी में आता है। गौरतलब हो कि रोजी-रोटी के लिए मां-बाप लगभग 20 वर्ष से मुम्बई में रह रहे हैं। वहीं पर सौम्या की पढ़ाई चल रही है। इसी बीच वर्ष 2019 में सौम्या की मां किरन जायसवाल कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी से पीड़ित हो गयी।हालांकि उन्होंने अपनी बेटी को मेडिकल फील्ड में मुकाम बनाने का सपना देखा और उसका बीफार्मा में प्रवेश महाराष्ट्र प्रदेश के सेण्ट जॉन इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी एण्ड रिसर्च में करा दिया।
बचपन से ही मेधावी रही सौम्या ने प्रथम वर्ष अच्छे अंक से उत्तीर्ण किया। मां की तबियत खराब होने से थोड़ी उदास जरूर हुई लेकिन हिम्मत नहीं छोड़ा। एक तरफ मां का इलाज चल रहा था तो दूसरी तरफ सौम्या घर संभालने के साथ ही पढ़ाई भी कर रही थी। लॉक डाउन के दौरान मां की तबियत बिगड़ गयी जो महाराष्ट्र से अपने गाँव आ गईं। जौनपुर शहर में ही उनका मायका है जहाँ पर वह रहने लगीं। कुछ दिन बीतने के बाद सौम्या की मां ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
इस दौरान सौम्या मां के साथ नहीं थी जो मुम्बई में ही रहकर पढ़ाई कर रही थी। जब वह घर आयी तो बहुत रोयी लेकिन फिर भी मां से किया वादा नहीं भूली। इस दौरान वह आनलाइन एग्जाम देती रही। नतीजा आज सबके सामने है। वह न सिर्फ 9.23 (10) अच्छे अंक अर्जित की, बल्कि कालेज में टॉप 10 में जगह भी बना ली। इस बाबत पूछे जाने पर सौम्या ने इस सफलता का सारा श्रेय अपनी माता किरन जायसवाल, पिता रमेश चन्द्र जायसवाल सहित गुरुजनों एवं भाइयों को दिया। उसने यह भी बताया कि आगे की पढ़ाई जारी रखते हुए वह मास्टर इन साइंस एम. फार्मा करेगी। वहीं दूसरी ओर सौम्या की इस उपलब्धि से परिवार सहित पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल व्याप्त हो गया।