विश्व पर्यावरण दिवस पर जहाँ पर्यावरण को बचाने के देश दुनिया मे आयोजन कर लोगो को जागरूक किया जा रहा है वही वाराणसी के किसानों ने एक अनोखी पहल कर पर्यावरण को संतुलित रखने वाले परिंदो के जीवन को गर्मी के मौसम में बचाने का काम कर रहे।
दरअसल गर्मी में खासकर शहरी इलाके के जल स्रोत सुख जाने और पानी की कमी से चिड़ियों की प्यास के कारण मौत हो जाती है ,या फिर ये परिंदे प्यास बुझाने को गंदे नाले के संक्रमित पानी को पीकर जान गवाते है।ऐसे में गृहस्थ नामक संस्था के किसानों ने इन परिंदो को पानी पिलाने के लिए मिट्टी के कसोरे बनवाकर लोगो मे निशुल्क वितरित कर रही है। ये किसान वाराणसी में अपने खेतों के उत्पाद उपभोक्ताओं को सीधे उनके घर तक पहुचाते है ,और अपने इन्ही उपभोक्ताओं से किसान ये अपील कर रहे है कि अपने छत या बरामदे में मिट्टी के कसोरे में पानी रखे जिससे पंछियों की प्यास बुझ सके। कसोरे के अलावा ये किसान चिड़ियों के लिए अन्न भी निशुल्क उपलब्ध करा रहे है।
इस बारे में गृहस्थ के जनार्दन सिंह का कहना है कि इस कार्य से जहाँ इस तपते मौसम में चिड़ियों की प्यास बुझेगी वही गाँव मे कुम्हारो को भी रोजगार मिल रहा है ।जनार्दन सिंह बताते है कि हमने जो ये शुरुआत की इसका सकारत्मक असर ये दिख रहा कि लोग न सिर्फ कसोरे लेकर पानी रख रहे बल्कि कुछ लोग अपने तरफ से 100 -100 कसोरे लोगो मे बाटने को कह रहे, हमने अपने कुछ उपभोक्ताओं को भारी संख्या में कसोरे बनवा कर दिया जो वे अपने एरिया में बाट रहे है।
चिड़ियों के लिए अन्न वितरण पर बताते है कि हम किसान जब चावल, दाल गेहू व तमाम अनाज का प्रोसेस करते है तो ढेर मात्रा में किनकी टूटी दाल ,गेहू के टुकड़े व अन्य अनाजो के टुकड़े निकलते है सामन्यतया ये टुकड़े ,गेहू के साथ पीस कर सस्ते आटे बाजार में बेचे जा रहे मगर हम अपने इस अनाज का इस्तेमाल इन परिंदो के भोजन के रूप में कर रहें है।
जनार्दन सिंह ने बताया बाजार में ये कसोरे 10 रुपये में मिलते है लेकिन हम इसे अपने उपभोक्ताओं को मुफ्त देकर पर्यावरण के साथी परिंदो को बचाने की अलख जगा रहे है।
बढ़िया पहल !