भदोही । जब भी कोई घटना घटित होती है तो उसके पक्ष विपक्ष दोनों पहलू को देखा जाता है, लेकिन रमेश बिंद का विवादित वीडियो वायरल होने के बाद श्री बिंद के ऊपर ब्राह्मण विरोधी होने का ठप्पा लगाकर दुष्प्रचार शुरू हो गया । किसी ने यह सोचने की जहमत नहीं की कि आखिर इस वीडियो को वायरल करने के पीछे मंशा क्या थी । हलांकि गठबन्धन प्रत्याशी रंगनाथ मिश्रा के समर्थको को लगा कि जितनी अधिक संख्या में वीडियो वायरल होगा उतना ही ब्राह्मणो में आक्रोश होगा और वे जातिवादी भावना में बहकर श्री मिश्रा के पाले में आएंगे । लेकिन सारे घटनाक्रम पर जब मेरी नजर जाती हैं तो इसके पीछे रंगनाथ समर्थक नहीं बल्कि रमेश बिंद समर्थक ही नजर आते हैं । आइए इसे दूसरे पहलू से देखते हैं ।
गौर करने वाली बात यह हैं कि भदोही लोकसभा में पहले भाजपा और गठबन्धन के बीच मुकाबला समझा जा रहा था । इसी बीच आजमगढ़ के बाहुबली रमाकांत यादव ने कांग्रेस के टिकट पर इंट्री मारकर चुनावी हांडी में तड़का मार दिया । जो मुकाबला दो लोगो के बीच था वह त्रिकोणीय दिखायी देने लगा ।
गौर करने वाली बात यह भी हैं की भाजपा ने रमेश बिंद के रूप में एक पिछड़ा चेहरा सामने लाया था ताकि भाजपा के पारम्परिक वोट में पिछड़ा वोट जुड़ जाने से भाजपा यह सीट आसानी से जीत ले, लेकिन रमाकांत यादव के आने से भाजपा का यह गणित डगमगा गया । रमाकांत ने पिछड़ों का वोट साधने के लिए ब्राह्मणो ही नहीं सभी सवर्णों को लेकर विवादित बयान दें डाला । उन्होने पिछड़ों में खुद को लोकप्रिय होने के लिए सवर्णों के हाथ काटने की धमकी दें डाली । इससे पिछड़ों को लगा की उनको एक मजबूत नेता मिल गया । इससे रमेश बिंद पिछड़ों के लिए एक कमजोर नेता साबित होने लगे । जितनी तेजी से रमाकांत यादव की ख्याति बढ़ने लगी उतनी ही तेजी से रमेश बिंद के माथे पर पसीने की बूंदे चूहचूहाने लगी । फिर प्लान बनने लगा की कैसे रमेश बिंद को रमाकांत यादव से पिछड़ों का बड़ा नेता बनाया जाए ।
नोट : अगली कड़ी में धमाकेदार खुलासा ! पढ़ते रहिए हमार पूर्वांचल॥
पार्ट -1 भदोही में जातिवाद का जहर क्यों? किसने किया वीडियों वायरल by हरीश सिंह
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