अब आप अपनी सोसाइटियों और व्यवसायिक संस्थानों में तैनात निजी सुरक्षा गार्ड को लेकर निश्चिंत हो सकते हैं। अब निजी सुरक्षा गार्डो के रूप में तैनात जवानों की पृष्ठभूमि की जांच कंप्यूटर पर एक क्लिक से हो जाएगी। यह बात सिक्यूरिटी एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष गुरुचरण सिंह चौहान ने कही है। उन्होंने दिल्ली के डॉ. आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा प्राइवेट सिक्यूरिटी एजेंसी लाइसेंसिंग पोर्टल जारी करते समय दिए गये भाषण को उद्धृत करते हुए यह बात कही। वे यहाँ मुंबई प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर एसोसिएशन के वाईस चेयरमैन डॉ. बी. आर. कुमार और एस. वी. देशमुख भी मौजूद थे। ज्ञातव्य है कि उक्त पोर्टल 24 सितंबर को लांच किया गया था। सिक्यूरिटी एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया इस तरह के मंच की वर्षों से मांग कर रही थी जो अब पूरी हुई है।
उन्होंने बताया कि निजी सुरक्षा गार्डो को जन-धन, सामाजिक सुरक्षा बीमा और अटल पेंशन जैसे योजनाओं के दायरे में लाये जाने पर केंद्रीय गृहमंत्री ने सकारात्मक रुख जताया है। सुरक्षा गार्डो के पृष्ठभूमि की जांच अभी तक सबसे बड़ी समस्या बनी हुई थी। पुलिस की ओर से पृष्ठभूमि की जांच में ज्यादातर औपचारिकता पूरी की जा रही थी। निजी सुरक्षा गार्डो की भर्ती करने वाली सभी एजेंसियों के लिए गार्डो की पुलिस जांच कराना अनिवार्य है। नए पोर्टल के आने के बाद उनकी पृष्ठभूमि की जांच आसानी से की जा सकेगी।
इस समय देश 90 फीसदी से अधिक थाने ऑनलाइन जुड़ चुके हैं और इनमें दर्ज मामलों और उसके आरोपियों की जानकारी कंप्यूटर पर एक क्लिक से हासिल की जा सकती है। पृष्ठभूमि की जांच की पुख्ता प्रणाली के आने से सुरक्षा गार्डो पर लोगों का भरोसा बढ़ेगा। 90 दिनों के भीतर यह पोर्टल सभी भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगा।
उन्होंने शाह को इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि निजी सुरक्षा गार्डो को सुरक्षा की पहली पंक्ति बताते हुए अमित शाह ने देश में सुरक्षा का माहौल देने में उनकी योगदान की तारीफ की। उन्होंने कहा कि निजी सुरक्षा बलों और स्थानीय पुलिस के बीच बेहतर तालमेल का माहौल बनाने की जरूरत पर बल दिया।
इस समय देश में बड़ी संख्या में सेवानिवृत सुरक्षा बल के जवान निजी सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक प्रशिक्षित बल के रूप में मौजूद हैं। एजेंसियां एनसीसी के कैडेट को भी इसमें शामिल कर सकती है। अमित शाह ने सुरक्षा गार्डो को भी प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किये गए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में लाने की जरूरत बताई और इसके लिए निजी सुरक्षा एजेंसियों को काम करने को कहा। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री ने इस पोर्टल का ज्यादा से ज्यादा प्रचार करने के लिए निजी सुरक्षा एजेंसियों को आगे आना चाहिए।
इस पोर्टल के माध्यम से आम जनता भी यह पता लगा सकेगी कि सुरक्षा गार्ड मुहैया कराने वाली निजी एजेंसी को लाइसेंस प्राप्त है या नहीं। निजी सुरक्षा एजेंसियां के लिए लाइसेंस की प्रक्रिया को भी आसान बनाया जा रहा है।
पोर्टल के लाभ
पेपरलेस प्रक्रिया होगी।
भ्रष्टाचार खत्म होगा।
सिक्यूरिटी एजेंसी के निदेशकों/ मालिकों/ साझेदारों का पूर्व इतिहास कुछ पलों में ही पता किया जा सकेगा जो पहले संभव नहीं था।
इससे उन सुरक्षा रक्षकों को लाभ होगा जिन्हें पुलिस वेरिफिकेशन के लिए सालों इंतजार करना पड़ता था। मुंबई में 5 साल रहने वाले किसी व्यक्ति ने अगर बिहार में कोई अपराध किया होता तो पहले यह पता करना मुश्किल था, अब यह संभव है क्योंकि सभी पुलिस थानों का रिकार्ड इस पोर्टल से जुड़ा होगा।
इससे प्रांतीय नागरिक न होने का भेदभाव खत्म होगा। अब महाराष्ट्र या अन्य किसी भी भारतीय राज्य का नागरिक किसी दूसरे प्रान्त में लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकता है। लाइसेंस के लिए अब किसी प्रांत के सबंधित पुलिस अधिकारी के सामने प्रत्यक्ष हाजिरी लगाना जरुरी नहीं होगा।
अब ग्राहक और आम जनता आसानी से पता कर सकते हैं कि कौन सी सिक्यूरिटी कम्पनी लाइसेंस धारक है और कौन नहीं। इससे उन्हें लाइसेंस धारक कम्पनी से सुरक्षा गार्ड लेने में सुविधा होगी।
इससे फर्जी और रातों-रात बनने गायब होने वाली सुरक्षा एजेंसियों का निर्मूलन होगा।