Home मुंबई वरिष्ठ साहित्यकार खन्ना साहब आखिर छोड़ गए-आर पी सिंह रघुवंशी

वरिष्ठ साहित्यकार खन्ना साहब आखिर छोड़ गए-आर पी सिंह रघुवंशी

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मुंबई। वरिष्ठ साहित्यकार प्रहलाद नारायण खन्ना उर्फ़ खन्ना मुजफ्फरपुरी उर्फ बाबू जी सोमवार 11.03.2019
को अंतिम सांस ले लिये। यह साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति रही, जो मुंबईः वासियों के लिए खास तौर पर अत्यंत दुखद है। पत्नी को बिदा करने के पश्चात खन्ना जी अकेला महसूस करने लगे थे, जो अक्सर होता है। खन्ना जी अदम्य शाहस और उमंग से भरपूर थे। बैंक अधिकारी से सेवा-निवृत्ति के पश्चात साहित्य की दुनियां में पूरी तरह रच-बस गए थे।एक सुंदर व्यक्तित्व के धनी खन्ना जी बड़े ही सहृदय व्यक्ति थे।

अस्वस्थ होने के वावजूद कार्यक्रमों के प्रति हमेशा उत्सुक रहने वाले खन्ना साहब हमारे साहित्य  परिवार के मुखिया के रूप में थे। उनका खिलखिलाता चेहरा और मजा़किया स्वभाव हम कभी नहीं भूल पायेंगे।आप दोहा के माध्यम से बड़े सहज शब्दों में अपनी बातें कह जाते जो लोगों के हृदय को छू जाता।अपनी जीवंतता के कारण वे आज भी, और हमेशा ही साहित्य जगत में याद किए जायेंगें।

हम भारतीय जनभाषा प्रचार समिति ठाणे के सभी कार्यकारिणी सदस्यों सहित विनय शर्मा दीप, टी आर खुराना, भुवनेन्द्र सिंह विष्ट, ओमप्रकाश सिंह, नागेन्द्र नाथ गुप्ता, उमेश मिश्रा, आभा दवे, प्रमीला शर्मा, प्रभा सागर शर्मा, अलका पांडे, नामदार राही, एन बी सिंह नादान, शिल्पा सोनटक्के, अंजनी कुमार द्विवेदी, राजीव मिश्रा, पंडित शिवप्रकाश जौनपुरी, रामजीत गुप्ता, अश्विनी कुमार यादव, मुन्ना यादव मयंक, नंदलाल क्षितिज, वफ़ा सुल्तानपुरी, डाॅक्टर शैलेश वफ़ा, ईश्वर मौर्य अबोध, संतोष सिंह, जवाहर लाल निर्झर, अजय बनारसी, आर पी सिंह रघुवंशी, त्रिलोचन सिंह अरोरा, कुलदीप सिंह दीप, अश्विनी उम्मीद, नज़र हयातपुरी, विजय भटनागर, मंजू गुप्ता, रमेश श्रीवास्तव, आर बी सिंह खूंटातोड़, संजय द्विवेदी, आरती साइया हिरांशी, पूनम खत्री आदि उन्हें श्रद्धान्जली अर्पित करते हैं और उनके लिए चिर शांति की प्रार्थना करते हैं।

स्वर्गीय प्रहलाद नारायण खन्ना उर्फ़ खन्ना मुजफ्फरपुरी के अंतिम दिनों की बीती हुई कुछ यादें दोहों के साथ अलविदा करती हैं, मानों उन्हें आभास हो गया था।

सैया पर होते हुए,घेरे यही विचार।
तेरा मेरा कब तलक,पकड़ राम को यार ।।

ऊॅ जगत आधार है,ऊॅ सकल संसार।
सभी समाहित ऊॅ में,ऊॅ नेह और प्यार ।।

ऊॅ ऊॅ जपते रहो,इससे श्रेष्ठ न मंत्र।
सब नतमस्तक हो रहे,जादू-टोना यंत्र ।।

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