सीतामढी– सावन भर कांवर चढ़ाने के लिए भक्तों के आवाजाही लगी रहती है। लेकिन तेरस के दिन भक्तों की भारी भीड़ से लगभग हर शिवालय खचाखच भरे नजर आते हैं। इस बार भी तेरस पर हर रास्तों व बाग – बगीचों में कांवरियों की भीड़ नजर आ रही है। खास बात यह है कि प्रयाग के त्रिवेणी संगम से जल उठाकर न सिर्फ पुरुष बल्कि बच्चे व महिलाएं भी सेमराध व काशी विश्वनाथ धाम वाराणसी जलाभिषेक के लिए पैदल ही ले जाते हैं।
कांवरियों की सेवा की भी एक अनोखी परम्परा है। जिसे शिवभक्त समाजसेवी पूरा करते हैं। इसी क्रम में डीघ के कोइरौना बाजार स्थित श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर सेवा समिति द्वारा पूर्व की भांति इस वर्ष भी कांवरियों के लिए जलपान व दवा की व्यवस्था की गई। बुधवार को शुरू हुए शिविर में कांवरियों को चने की घूघरी व हलवा का वितरण किया गया। वक्ताओं ने कहा कि तीर्थ यात्रियों की सेवा करना महापुण्य का कार्य है। और इस कार्य से आत्मा को शांति मिलती है और मनुष्य को सुख समृद्धि व यश कीर्ति मिलती है। इस दौरान प्रमुख रूप से रविशंकर पाण्डेय कृष्णचंद दूबे डा. घनश्याम मिश्र बालेश्वरनाथ पाण्डेय राहुल दूबे बेचन पाण्डेय राजेश पाण्डेय सहित बड़ी में भक्त कांवरिया मौजूद रहे।