रिपोर्ट: द्रुपति झा
मुंबई : सांसद गोपाळ शेट्टी जी ने श्रीमद् भगवत गीता को स्कूली अभ्यासक्रम में शामिल करने का मुद्दा लोकसभा में उठाने के बाद श्रीमद् भगवत गीता का अभ्यास कराने का भी बीड़ा उठाया !
श्रीमद् भगवत गीता भारतीय संस्कृति की आधारशिला है । हिन्दू शास्त्रों में गीता का सर्वप्रथम स्थान है जिसके रचयिता वेदव्यास जी हैं । भारत और विदेशों में भी गीता का बहुत प्रचार है । संसार की शायद ही ऐसी कोई सभ्य भाषा हो जिसमें गीता का अनुवाद न हो ।
लोकप्रियता में इससे बढ़कर कोई दूसरा ग्रंथ नहीं है और इसकी लोकप्रियता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है । गीता में अत्यन्त प्रभावशाली ढंग से धार्मिक सहिष्णुता की भावना को प्रस्तुत किया गया है जो भारतीय संस्कृति की एक विशेषता है। एसे में श्रीमद् भगवत गीता ज्ञान मानव के लिए, उनके मानव जीवन में, उनको सही मार्गदर्शन देते हुए सही राह दिखाती है। हम सही मार्गदर्शन दिखाने वाले श्रीमद् भगवत गीता की चर्चा तो खुब करते है लेकिन क्या कभी किसी ने ये सोचा है कि आज के चल रहे इस दौर में स्कुल में पढ़ने वाले बच्चों को भी इसकी शिक्षा देनी चाहिए, इस मुद्दे को अगर किसे ने उठाया है, तो वो है उत्तर मुंबई के सांसद गोपाल शेट्टी जी का, जी हा सांसद ने इस बारे में न केवल सोचा बल्कि इसे अमल में लाने का काम भी किया है। उन्होंने लोकसभा में श्रीमद्भगवद्गीता को स्कूलो के पाठ्यक्रम द्वारा पढ़ाए जाने का मुद्दा उठाया और उसे देश के हर स्कूलो में लागू किये किए जाने की मांग की। गोपाल शेट्टी ने विश्वास जताया की राज्य सरकार उनकी इस मांग को सुनेगी और जल्द ही इस पर सकारात्मक पहल भी करेगी।
सांसद गोपाल शेट्टी ने खास कर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मांग की है कि वे स्कूल के पाठ्यक्रम में श्रीमद् भगवत गीता को शामिल करें। इतना ही नहीं गोपाल शेट्टी के सवाल का जवाब देते हुए लोकसभा में शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी यादव ने कहा है की “स्कूली शिक्षा में श्रीमद् भगवत गीता पाठ्यक्रम का कार्यान्वयन राज्य सरकार के दायरे में आ रहा है और हर राज्य सरकार इस पर निर्णय लेगी। उत्तर प्राप्त करने के पश्चात् सासंद ने कहा, “मैं आशा करता हूं कि दिवंगत हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे के पुत्र उद्धव ठाकरे अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं, तो उनके द्वारा तो निश्चित रूप से श्रीमद्भगवद् गीता को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा ऐसा मैं आशा करता हूं। हालांकी केंद्र द्वारा अन्य सभी राज्यों मे भी श्रीमद् भगवत गीता शिक्षा का अभ्यास क्रम में सम्मिलित किया जाए ऐसे दिशा निर्देश देना चाहिए”।
सांसद ने स्कूलो में श्रीमद् भगवत गीता वाले मुद्दे को आत्मविश्वास के साथ उठाते हुए लगातार अपने कदम बढ़ाने शुरू कर दिए। इस मुद्दे को लेकर सांसद गोपाल शेट्टी जी का प्रयास, संघर्ष और आत्मविश्वास ही है जो कि उनके विचार का आज लोग खुलकर स्वागत कर रहे हैं। उनके इस फैसले से लोग खुश भी है, खासकर स्कूलि बच्चे और उनके माता-पिता।
सबसे अच्छी बात तो ये है कि श्रीमद् भगवत गीता का अभ्यास का भव्य शुभारंभ उत्तर मुंबई की प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था पोयसर जीमखाना एवम् इस्कॉन संस्थान द्वारा 11 जून से उत्तर मुंबई मे भव्य रूप से की गई।
श्रीमद भगवद गीता अभ्यास का अनूठा उपक्रम हर शनिवार को पोयसर जीमखाना, पोयसर जीमखाना मार्ग, पोयसर, कांदिवली (प.), मुंबई, आयु मर्यादा ७ से ५० साल तक के लोगों के लिए श्रीमद भगवद गीता का अभ्यास कराया जा रहा है इस सिलसिले मे आगे बढ़ते हुए पोयसर जीमखाना मे 18 जून को पहला
सत्र सफलतापूर्वक संपन्न हुआ जिसमे काफी बड़ी संख्याओं में लोग सम्मिलित रहे।श्रीमद् भगवत गीता अभ्यास का ये सिलसिला पोयसर जीमखाना में १८ से 20 हफ्तों तक चलेगा।
जहां पर श्रीमद् भगवत गीता की बात आती है तो हम मानव के हर वर्ग के लोगों को विलंब किए बिना इसका हिस्सा बनकर श्रीमद् भगवत गीता का ज्ञान लेकर अपने और अपने परिवार का कल्याण करे और अपने जीवन को सफलतापूर्वक जीवन बनाने की कोशिश करे ।
पोयसर जीमखाना के अध्यक्ष श्री मुकेश भंडारी जी ने कहा है कि इस अभ्यास क्रम में ज्यादा से ज्यादा लोग अपने बच्चों के साथ भाग ले कर इसका लाभ उठाए और अपने जीवन को सफल बनाए।