Home भदोही भाभी की फर्म बनी चेयरमैन के गले की फांस

भाभी की फर्म बनी चेयरमैन के गले की फांस

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औराई। क्षेत्र के खमरिया नगर पंचायत के चेयरमैन नंद कुमार मौर्य के लिये उनकी भाभी की फर्म गले की फांस बन गयी है। अपनी मनमानियों को लेकर चर्चा में रहते आये श्री मौर्य जब शासन की नजर में चढ़े तो अपने गले का फंदा अधिशाषी अधिकारी के गले में डाल दिया है। मामला चेयरमैन की सगी भाभी के फर्म द्वारा 70 लाख से अधिक सामानों के खरीद एवं आपूर्ति का है। जिसे नगरपंचायत ने चेयरमैन की सगी भाभी द्वारा रजिस्टर्ड फर्म हरी इम्पेक्स मधईपुर से खरीदा था। फर्म संचालिका चेयरमैन के सगे भाई बहादुर मौर्य की पत्नी हैं। मामले के खुलाशे से भन्नाये चेयरमैन नन्दकुमार मौर्य ने अधिशाषी अधिकारी मनोज कुमार प्रियदर्शी को ही जमकर खरीखोटी सुनायी और पूरे मामले से अनभिज्ञता जाहिर करते हुये सारा आरोप अधिशाषी अधिकरी पर मढ़ दिया।

इधर अधिशाषी अधिकारी ने जिलाधिकारी और एसपी से चेयरमैन द्वारा अभद्रता करने एवं जातिसूचक शब्दों से गाली देने की शिकायत की है। इस बात को लेकर चेयरमैन और अधिशाषी अधिकारी आमने सामने डट गये हैं। पूरे मामले को पंचयात के सभी 14 सभाषदों ने गंभीरता से लिया है। मामले की जांच दोषी के खिलाफ कार्यवाही के लिये शासन पर पत्र व्यवहार और शिकायतों से दबाव बनाने लगे हैं। बताते हैं कि मामले का खुलाशा भी सभाषदों ने ही किया है।

मामला यह है कि नगर पंचायत को स्वच्छता अभियान के तहत कूड़ादान और फागिंग मशीन की आवश्यकता हुई। आरोप है कि चेयरमैन ने करीब 70 लाख से अधिक के सामानों की खरीद अपनी भाभी के फर्म से ही किया। इसकी जानकारी होने पर सभाषद मैनुदीन आदि ने सूचना के अधिकार के तहत इसकी अधिकृत जानकारी प्राप्त कर ली।

मामला भ्रष्टाचार से जुड़ जाने पर सभाषदों ने इसकी शिकायत शासन से की शासन ने मामले से संबंधित सारी जानकारी अधिशाषी अधिकारी से मांगा। जिसे अधिशाषी अधिकारी श्री प्रियदर्शी ने शासन को सुलभ करा दिया। इधर इसकी जानकारी होते ही चेयरमैन ईओ पार भड़क उठे और उन्हें खरी खोटी सुनाते हुये सारा आरोप ईओ पर ही लगा दिया। उन्होंने दावा किया कि उन्हें सामानों के खरीद आपूर्ति की कोई जानकारी नहीं है। इसके लिये उन्होंने ईओ को जिम्मेदार बताया है।

जबकि ईओ श्री प्रियदर्शी का कहना है कि चेयरमैन ने ही सारा दबाव देकर सामानों की खरीद अपनी भाभी के फर्म से कराया और भुगतान करा दिया। बहरहाल इस मामले में ने नंदकुमार मौर्य को बैकफुट पा ला दिया है। सभाषदगण पीछे पड़ गये हैं। शासन पर जांचकर कार्रवाई के लिये दबाव बढ़ाया जाने लगा है।

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