भदोही। तो क्या भदोही विकास खंड के सौ से अधिक ग्राम प्रधानों और ब्लॉक प्रमुख के बीच पद संभालते ही गहरी खाई खिंच गई है। इसका कारण कोई और नहीं बल्कि ब्लाक प्रमुख पति हैं। बताया जा रहा है कि एक तरफ ब्लॉक प्रमुख द्वारा ग्राम सचिव और जेई के मार्फत ग्राम प्रधानों की स्वतंत्रता पर डाला जा रहा गैर संवैधानिक दबाव है तो दूसरी तरफ ग्राम प्रधानों के रूप में ग्राम पंचायत इकाई की स्वतंत्रता। जिसमें डाली गई खलल ग्राम प्रधानों में उबाल ला दिया है। प्रधानों के बीच यह बात तेजी से फैली है कि कोई भी कार्य अथवा कार्ययोजना तभी कागजी अथवा धरातली आधार लेगी, जब उसे करने की स्वीकृति ब्लाक प्रमुख द्वारा मिलेगी। यह बात प्रधानों को रास नहीं आ रही है। प्रधान इसे ग्राम पंचायतों के विशेषाधिकार में बेजा अथवा गैर संवैधानिक दखलअंदाजी मान रहे हैं और इसके खिलाफ एकजुटता से संघर्ष की रणनीति बनाने में भी लग गए हैं।
जो भी हो किंतु पद संभालते ही ब्लॉक प्रमुख प्रियंका सिंह और ग्राम प्रधानों के बीच कथित अफवाह के रूप में पनपा उक्त विवाद अकारण नहीं है। इसके पीछे ब्लाक प्रमुख पति प्रशांत सिंह चिट्टू की वह कथित रणनीति है। जिसके तहत ब्लाक क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में होने वाले कार्य उनकी देखरेख और नुमाइंदगी में हो। प्रधान उनके हाथ की कठपुतली बन कर रहें। इसके पीछे ब्लॉक प्रमुख पद की मंसा चाहे जो भी हो, किंतु माना यहीं जा रहा है कि ग्राम पंचायतों पर भी उनकी नजर है। जिसे ग्राम प्रधान स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।
उक्त बाबत अधिकृत खबर तो नहीं मिल पाई, किंतु कुछ प्रधानों ने इस बात की पुष्टि अवश्य की है कि ग्राम सचिव और जेई ने प्रधानों से यह स्पष्ट कर दिया है कि ग्राम पंचायत में होने वाले कार्यों की कार्य योजना ब्लाक प्रमुख के निर्देश के बाद ही कार्य रूप ले सकेगी। जो ग्राम पंचायत इकाई के कार्यों में सीधा बेजा हस्तक्षेप है। इस बाबत ब्लाक प्रमुख से भी स्पष्टीकरण का प्रयास किया गया। किंतु न तो वे ब्लॉक स्थित अपने कार्यालय में मिल पाई और न ही उनसे फोन पर वार्ता हो सकी।
ज्ञात हो कि वर्तमान ब्लाक प्रमुख श्रीमती प्रियंका सिंह के पति प्रशांत सिंह चिट्टू निवर्तमान ब्लाक प्रमुख रहे हैं। इस बार विषम झंझावातों में अपनी धर्मपत्नी को ब्लाक प्रमुख बनापाने में सफल हो पाये। बताया जा रहा है कि ब्लाक अधिकारियों और कर्मचारियों पर उन्हीं की चल रही है। उनका फरमान ही ब्लॉक प्रमुख का फरमान माना जा रहा है। सूत्रों की मानें तो प्रमुख पति की दखलंदाजी ब्लाक अधिकारी और कर्मचारियों को भी रास नहीं आ रही है। प्रधानों की मानें तो यह स्वीकार नहीं होगा। जिसे देखते हुए यही लगता है कि यदि प्रशांत सिंह चिट्टू प्रमुख पद की तलवार उठाए तो ग्राम प्रधान भी संविधान की ढाल लिए सामना करने की तैयारी में हैं।
ग्राम प्रधानों के अधिकार में हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं: बड्डा पाण्डेय
ग्राम प्रधान संघ के अध्यक्ष जितेन्द्र पाण्डेय बड्डा ने कहाकि प्रधानों के अधिकारों में किसी प्रकार से किया गया हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं होगा। ग्राम प्रचायतों के विकास की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की है। जरूरत के अनुरूप उसकी कार्ययोजना बनाने का कार्य भी ग्राम पंचायत के अधिकार में है। इसमें डाला गया दबाव स्वीकार नहीं होगा। श्री पाण्डेय ने दावा किया कि ब्लाक के ग्राम प्रधानों ने उन्हें अध्यक्ष इसीलिये बनाया है कि उनके हक और हित पर आये संकट की देखरेख हो। कार्य में किसी तरह का बेजा दबाव न हो। यदि प्रधानों के अधिकारों को कहीं से भी कोई चुनौती मिली तो प्रधान संघ न केवल उसके खिलाफ दमदारी से आवाज उठायेगा। बल्कि जरूरत हुई तो कोर्ट की शरण में भी जायेगा।
एक सवाल के जवाब में श्री पाण्डेय ने कहा कि कुछ अधिकारियों और ग्राम प्रधानों द्वारा बताया गया है कि ग्राम प्रधानों के कार्यों में ब्लाक प्रमुख पति का बेजा दबाव सामने आ रहा है। जो अभी साबित तो नहीं हुआ है, किन्तु यदि ऐसा हुआ तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। इसके खिलाफ आवाज उठायी जायेगी। श्री पाण्डेय ने कहा कि ब्लाक प्रमुख सम्मानित विदुषी महिला हैं। उनसे सभी को सहयोग की अपेक्षा है। किन्तु उनकी जगह यदि उनके पति अथवा अन्य कोई प्रतिनिधि अपना बेजा फरमान चलाये तो यह न सिर्फ लोकतंत्र का अपमान है, बल्कि बर्दाश्त करने लायक भी नहीं है।