Home भदोही “समाजसेवा धन्धा है “-फार्फ के फाऊंडर ने क्यों कहा ?

“समाजसेवा धन्धा है “-फार्फ के फाऊंडर ने क्यों कहा ?

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हमार पूर्वांचल
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सोशल मीडिया भी विवादों की जननी बनी हुई है। आये दिन किसी न किसी बात को लेकर नोंक झोंक चलती ही रहती है, जो चर्चा का विषय बन जाती है। ऐसा ही गुरूवार को एक फेसबुक पोस्ट पर भी फार्फ फाउण्डेशन के फाउण्डर आनन्द पाण्डेय नाहक ही तिलमिला उठे और पोस्ट करने वाले पर आरोपो की झड़ी लगा दी किन्तु जब उनसे प्रमाण मांगा गया तो वे कोई प्रमाण नहीं दे पाये और हाथ खड़े करके भाग निकले। बता दें कि भदोही के वरिष्ठ पत्रकार व हमार पूर्वांचल एवं ह्यूमन टुडे के संपादक तथा पत्रकार प्रेस क्लब के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष हरीश सिंह ने एक पोस्ट लिखी कि एनजीओ बनाकर सरकार व विदेशों से फंड लेने वालों का पर्दाफास किया जायेगा।

यह एक सामान्य फेसबुक पोस्ट थी। जिसमें किसी एनजीओ का नाम या जगह भी नहीं लगा था। इसके बावजूद भी फार्फ फाउण्डेशन के फाउण्डर आनन्द पाण्डेय अज्ञात कारणों से तिलमिला उठे और श्री सिंह पर आरोपों की झड़ी लगा दी। श्री पाण्डेय ने आरोप लगाया कि आपके बारे में कुछ लोग कहते हैं कि समाजसेवा आपके लिये धंधा है। और भी कई बातें कहीं किन्तु जब श्री सिंह ने कहा कि यदि वे किसी एक व्यक्ति का नाम बता दें जिसने उन्हें कभी एक रूपये चंदा दिया है तो उसका जवाब वे नहीं दे पायें। आनंद पांडेय ने जो फेसबुक पोस्ट पर लिखा ये उनको सोच को दर्शाता है की “समाज सेवा धन्धा हैं”।  

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फेसबुक पोस्ट

बता दें कि फार्फ का संचालन करने वाले आनन्द पाण्डेय जब पहली बार भदोही में कार्यशाला आयोजित किये थे तो उसमें श्री सिंह ने ही मदद किया था, लेकिन जब फार्फ में पारदर्शिता की बात किये तो आनन्द पाण्डेय ने उनसे किनारा कर लिया। अभी तक फार्फ में जिसने भी हिसाब मांगा उसे फार्फ से हटा दिया गया है। जिसके कारण काफी दिनों से जुड़े लोग अलग हो रहे हैं। सूत्रों की मानें तो लगभग तीन साल से भदोही में कार्यरत फार्फ की तरफ से कोई विवरण संस्था के सदस्यों के समक्ष नहीं रखा गया है। अब इसमें कितनी सच्चाई है यह तो श्री पाण्डेय ही बता सकते हैं।

वहीं इस मामले में हरीश सिंह ने कहा कि उनका कभी किसी से व्यक्तिगत विरोध नहीं रहा है। कार्यों के आधार पर किसी भी संस्था या समाज से जुड़े लोगों की समीक्षात्मक खबर लिखना पत्रकारिता का दायित्व है। समाज के हित में कार्यरत किसी भी संस्था या व्यक्ति के बारे में सच को उजागर करना ही पत्रकार का दायित्व है। जिसका वे ईमानदारी से निर्वहन करेंगे। हालांकि श्री पाण्डेय ने समाजसेवा धंधा है जैसे शब्द का प्रयोग करके विवाद को हवा दे दी है।बहरहाल सबके अपने अपने धंधे हैं,शगल है , शौक है l लेकिन यह विवाद कुछ अलग मोड़ लेगा इसकी आशंका बनी हुई हैं ।

1 COMMENT

  1. समाज सेवा घन्धा तो है ही ,दूसरों के पैसे पर अपना प्रचार,प्रसार का भी उत्तम मंच है.

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