मीरा भायंदर व मड़ियाहूं विधानसभा के समाजसेवी अरविंद उपाध्याय द्वारा सुंदरकाण्ड व हनुमान चालीसा
पाठ का 201 वां संकल्प सप्ताह सम्पन्न। जन्मभूमि मड़ियाहूं के साथ कर्मभूमि मुंबई में भी
समाजसेवा से लोगों में चर्चित हैं अरविंद उपाध्याय
भायंदर। आज के आधुनिक युग में बड़े होते ही कलियुगी पुत्र अपने मां बाप को खुद से दूर रख देते हैं। ऐसे में भला कोई कैसे कल्पना कर सकता है कि एक पुत्र अपनी मां की यादों को संजोकर ही नहीं चल रहा बल्कि मृत्योपरान्त उनके संकल्पों को भी जीवन्त किये हुये हैं।
जी हां! हम बात कर रहे हैं मड़ियाहूं विधानसभा व मुंबई के उपनगर मीरा भायन्दर के प्राख्यात समाजसेवी तथा राष्ट्रीय परसुराम सेना के राष्ट्रीय संरक्षक अरविन्द उपाध्याय की जो अपनी पूज्यनीय माताश्री स्व. धर्मा देवी आसाराम उपाध्याय की धार्मिक संकल्पना तथा समाज के प्रति प्रतिबद्धता को लगातार आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। श्री उपाध्याय का कहना है कि संताने सिर्फ बुढ़ापे की लाठी नहीं होती अपितु वे माता पिता के धार्मिक व सामाजिक विरासत को आगे बढ़ाने का भी काम करते हैं।
श्री उपाध्याय अपनी माता स्व. धर्मा देवी आसाराम उपाध्याय द्वारा वर्ष 2018 से शुरू किया गया संगीतमय सुंदरकांड पाठ एवं श्री हनुमान चालीसा पाठ अनवरत जारी रखे हुये है। गत 30 अगस्त ,मंगलवार को 201 वा सप्ताह सम्पन्न हुआ।
बता दें कि 12 अक्टूबर 2020 में माता जी के देहावसान के बाद अरविंद उपाध्याय की धर्मपत्नी संतोषी उपाध्याय उनके इस संकल्प में समर्पित भावना के साथ दे रही हैं। अरविंद उपाध्याय के अनुसार उनकी माता सनातन धर्म के प्रति पूरी तरह से आस्थावान रहीं। मानवता और लोक कल्याण की भावना के संकल्प के साथ वे लगातार इस महा अनुष्ठान में लगे हुए हैं। मीरा भायंदर के साथ-साथ अपने गृह चुनाव क्षेत्र मड़ियाहूं विधानसभा के लोगों की भलाई की कामना के साथ वे इस काम में लगे हुए हैं। इसके साथ साथ अरविंद उपाध्याय संतो की भूमि कही जाने वाली महाराष्ट्र की धरती पर विगत 5 वर्षों से मां गंगा की भव्य आरती का आयोजन करते आ रहे हैं।
श्री उपाध्याय के बारे में कहा जाता है कि वे भले ही अपना कर्मक्षेत्र मुंबई बनाये हुये हैं किन्तु कभी भी अपनी माटी से अलग नहीं हुये है। प्रत्येक माह जब भी मौका मिलता है वे अपने गृह जनपद में आते हैं और लोगों से मिलकर उनके दुख दर्द को बांटने का काम करते हैं। यहीं नहीं अपितु यह भी कहा जाता है कि मड़ियाहूं क्षेत्र में होने वाली प्रत्येक घटनाओं पर भी पैनी नजर रखते हैं। यदि किसी को कोई समस्या होती है तो लोग उनसे संपर्क करते हैं और श्री उपाध्याय कोशिस करते हैं कि सभी की समस्याओं का निदान करें। यहीं वजह है कि समाजसेवा के क्षेत्र में श्री उपाध्याय का नाम मुंबई के साथ साथ मड़ियाहूं क्षेत्र में भी बराबर लिया जाता है। श्री उपाध्याय का कहना है कि उनका लक्ष्य समाजसेवा व मानवसेवा है। प्रत्येक मनुष्य में ईश्वर का वास होता है। इसलिये जब भी मौका मिलता है वे मानवसेवा से कभी नहीं चूकते हैं। उनकी यहीं भावना लोगों के दिलों में अपना जगह बनाये हुये है।