Home चंदौली सोनभद्र नरसंहार पूर्वांचल की उपेक्षा का परिणाम- हरवंश पूर्वांचली

सोनभद्र नरसंहार पूर्वांचल की उपेक्षा का परिणाम- हरवंश पूर्वांचली

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हमार पूर्वांचल
हमार पूर्वांचल

जनमोर्चा ने मृतकों को 20-20 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की…..

सकलडीहा/चंदौली। पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा की शुक्रवार को कैम्प कार्यालय बरठी में हुई बैठक में सोनभद्र के उभ्भा गांव में हुए नरसंहार के लिए सरकारों द्वारा पूर्वांचल की समस्याओं के प्रति अनदेखी को जिम्मेदार बताया गया। बैठक में नरसंहार में मारे गए लोगों को 20- 20 लाख रुपए मुआवजा देने और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कारवाई की मांग की गई।

बैठक में मुख्य अतिथि के बतौर उपस्थित जनमोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरवंश पूर्वांचली ने कहा कि 70 वर्षों के बाद भी पूर्वांचल में जमींदारी उन्मूलन जैसी समस्या मुंह बाए खड़ी है। कई सरकारें आई और गईं मगर पूर्वांचल के सबसे पिछड़े जनपद सोनभद्र में आदिवासियों को उनके अधिकार नहीं मिल पाए। इन समस्याओं के प्रति शासन-प्रशासन की अनदेखी ही घटना की मुख्य वजह बनकर सामने आयी है। उन्होंने आगे कहा कि 70 सालों से लखनऊ में बैठी सरकारें सिर्फ सत्ता सुख व अपनी जेबें भरने में जुटी रहीं, वही काम आज भी हो रहा है।

सोनभद्र नरसंहार की घटना सीधे तौर पर राजस्व विभाग से जुड़ा हुआ है। पूर्व में कई बार संज्ञान में आने के बाद इस विवाद को सरकारी अधिकारी हल कर दिए होते तो गांव के तकरीबन दर्जनभर आदिवासियों को बेमौत नहीं मरना पड़ता। कई वर्षो से सरकारी जमीनों पर काबिज गरीब व पात्र लोगों के नाम पट्टा किये जाने जैसे अभियान चलाया जा रहा है मगर अधिकारी आदिवासियों को विवादित जमीन की असलियत बताने की जरूरत नहीं समझ पाए। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि सोनभद्र जनपद में आज भी एक हजार से अधिक ऐसे गॉव हैं, जहां जमीनों को लेकर किसी दबंग या राजस्व विभाग के बीच विवाद चल रहा है, फिर भी प्रशासन इसे हल करने की जरूरत नहीं समझता है। यही हालत रहा तो उभ्भा गांव जैसी घटना आगे भी हो सकती हैं।

बैठक में नरसंहार में मारे गए लोगों को 20- 20 लाख रुपए मुआवजा देने और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कारवाई की मांग उठी। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि पूर्वांचल की जमीनी समस्याओं का हल कर खुशहाली और समग्र विकास के लिए पृथक राज्य का दर्जा देने का समय आ गया है। यूपी इतना बड़ा है कि लखनऊ में बैठे हुक्मरानों की नजर पूर्वी क्षेत्र के जनपदों तक नहीं पहुंचती है। यही वजह है कि पूर्वांचल 70 सालों से बदहाल पड़ा है। बैठक में रमाशंकर तिवारी, उदय कुमार राय, आरबी रावत, संजय पटेल, प्रभात श्रीवास्तव, रामकुमार भारती आदि लोग मौजूद रहे। अध्यक्षता अनिल यादव व संचालन रामकरन राम ने किया।

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