औराई। कभी- कभी जीवन में कुछ ऐसी घटनाओं के बारे में सुनने को मिलता है जिसपर सहज ही विश्वास करना मुश्किल हो जाता है। हालांकि इस मुश्किल कार्य को सच कर दिखाया है सैकड़ों परिवारों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरने वाले औराई कोतवाल सुनील दत्त दूबे ने। श्री दूबे ने एक ऐसे व्यक्ति को खोज निकाला है जो हाईस्कूल में फेल होने के बाद डरवश घर से भाग निकला था जो अब 57 साल की उम्र में परिवार को मिला है।
बता दें कि जिले के औराई थनान्तर्गत सहसेपुर निवासी सदानन्द दूबे का पुत्र मुरलीधर दूबे हाईस्कूल की परीक्षा दिया था। उस समय उसकी उम्र 15 वर्ष थी। जब परीक्षा का परिणाम आया तो वह फेल हो गया था। परीक्षा में फेल होने के बाद उसके मन में डर घर कर गया। उसे लगा कि जब वह घर जायेगा तो उसके पिता उसकी पिटाई करेंगें। इसी डर से वह घर से भाग निकला।
बताते हैं कि जब वह घर से भाग निकला तो उसके घरवाले बहुत ढूंढे लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल पाया। परिजनों से उसके गायब होने की सूचना औराई थाने में दर्ज करायी गयी। कुछ दिन पुलिस ने हाथ पांव मारे किन्तु कोई भी खबर न मिलने पर फाइल बंद कर दी गयी।
जगविदित है कि धूल फांक रही फाइलों पर पुलिस इसलिये हाथ नहीं डालती कि वह नये मुकदमों से ही फुरसत नहीं पाती। लेकिन गायब हुये लोगों को ढूंढ निकालने का जूनून इंस्पेक्टर सुनीलदत्त दूबे को चैन से बैठने नहीं देता। श्री दूबे एक दिन उस फाइल को पलट रहे थे कि उन्हें किसी के द्वारा सूचना मिली कि राजस्थान के कोटा शहर में एक 57 वर्षीय व्यक्ति बीमारी की हालत में पाया गया है। जिसे कोटा के एअरोडम चौराहा स्थित ”अपना घर आश्रम” नामक संस्था ले गयी है।
जानकारी मिलने पर श्री दूबे ने मुरलीधर के परिजनों को खोजकर सूचना दी। हालांकि इस दौरान अपने पुत्र को दुबारा जीवन में देखने का नसीब सदानन्द दूबे को नहीं मिला और वे चल बसे। औराई पुलिस ने इसकी सूचना भाई शेषधर दूबे को दी। मुरलीधर दूबे को घर वापस लाने के लिये परिजन कोटा रवाना हुये।