होली में चलायी सपा ने चुनाव की पिचकारी
भूल जाये सपा सत्ता वाला सपनाः भाजपा
लखनऊ। वैसे तो कोरोना काल ने अन्य तीज त्योहारों की तरह होली पर भी अपने आतंक का तीर साधे रखा। बावजूद इसके होली का चटक गुलाल विधानसभा चुनाव 2022 के आगाज का प्रथम त्योहार बनकर ऐतिहासिक हो गया। कोराना भय से आमजन भले ही रंग गुलाल से दूर रहे किन्तु नेताओं ने तो होली को चुनावी रंग दे दिया। इसकी शुरूआत खुद पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने एक पारंपरिक होली कार्यक्रम में किया।
बताया गया कि इटावा में होली के दिन हुये कार्यक्रम में सपा प्रमुख ने होली के पिचकारी के चुनावी तेवर से सने रंगों की बौछार कर दी। होली के गुलाल से रंगे गाल। दिल में बेधते मिशन 2022 के खयाल। मन में उभरी चुनाव के तेवरों वाली चाल। तनमनाया बदन बरसी बातों की बरसात। चारों तरफ समर्थक नजर में भाजपा सरकार । फिर क्या.. चल पड़ी पिचकारी । भाजपा की बखिया उधाड़ी। किया दावे पर दावा। होगा भाजपा का सफाया। चलने न पायेगी भाजपा की कोई चाल। जनता हो गयी है बेहाल। होली के पिचकारी से अखिलेश ने छोड़ी रंगों की बोली । बस यहीं होगी भाजपा सरकार की अंतिम होली। बाग बाग हुये समर्थक। लगे नारों पर नारे। सुन पायी भाजपा। वह भी खोयी आपा। आगे आये प्रवक्ता। खोला शब्दों का बस्ता। उड़ायी खूब खिल्ली। सपा को बताया भींगी बिल्ली। किस खयाल में हैं अखिलेश। यह जानता है सारा देश। यूपी से भागा भ्रष्टाचार। गुण्डा माफिया हुये लाचार। खुशहाल है किसान। जन जन का हुआ कल्याण। विकास की बढ़ी गंगा। न कोई भूखा है, न कोई दिखता नंगा। मिट गयी सरकार और जनता के बीच की दलाली। जिसकी नींव यूपी में सपा सरकार ने ही डाली। अब जनता है खुशहाल। उसे नहीं दलाली वाली सरकारों की दरकार। जन-जन के जुबां पर छाया मोदी योगी का नारा। सबको तो बहुत देखा, अब भाजपा ही सहारा। जनता मान बैठी भाजपा को अपना। भूल जायें सपा सत्ता वाला सपना। होली के दिन चलायी जो सपा ने पिचकारी। भाजपा के जवाब से उसी पर पड़ी भारी। रंगों के त्योहार में यह नहीं है ठिठोली। मिशन 2022 के आगाज की है बोली।