अपने भाषणों के दौरान बड़े बड़े कलाकारों को मात देने वाले पीएम मोदी को भी अब चुनाव जीतने के लिये फिल्मी कलाकारों का सहारा लेना पड़ रहा हैं। भाजपा में लगातार बढ़ रही कलाकारों की भीड़ में अब दिनेश लाल यादव निरहुआ का नाम भी शामिल हो चुका है। संभावना है कि निरहुआ आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र से अखिलेश का सामना करेंगे।
”दुलहिन रहे बीमार निरहुआ सटल रहे” गाने से गीत संगीत की दुनिया में अपनी पहचान बनाये दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’ के नाम से प्रसिद्ध हो गये और फिल्मों की भोजपुरी दुनिया में अपना परचम लहाराना शुरू कर दिया। अब फिल्मों का सफर तय करने के साथ निरहुआ मनोज तिवारी, रविकिशन की राह पर चलते हुये राजनीति में कदम रख दिया है।
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने भाजपा का दामन थाम चुके निरहुआ के एक करीबी ने हमार पूर्वांचल को बताया कि पार्टी उन्हें आजमगढ़ लोकसभा से सपाध्यक्ष अखिलेश यादव के सामने मैंदान में उतार सकती है। हालांकि उनका यह भी कहना है कि पार्टी जहां से टिकट देगी वहीं से चुनाव लड़ेंगे।
गौरतलब हो कि 2014 के लोकसभा चुनाव में इसी सीट से सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव सांसद चुने गये थे। उस समय भाजपा प्रत्याशी रमाकान्त यादव ने उन्हें कड़ा मुकाबला दिया था। यह सीट सपा के लिये सम्मान की सीट बन चुकी थी। इसलिये भी कहा गया कि चुनाव जीतने के लिये सपा ने सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग भी किया था।
अब उसी सीट पर अखिलेश यादव ने चुनाव लड़ने का फैसला किया है। मुस्लिम और यादव बहुल इस सीट पर अखिलेश के सामने यदि निरहुआ खड़ा होता है तो अखिलेश को कड़ी चुनौती मिलेगी। वैसे भी आजमगढ़ जिला भोजपुरी कलाकारों का फैन माना जाता है। यदि निरहुआ आजमगढ़ से चुनाव लड़ता है तो वहां पर फिल्मी कलाकारों का जमावड़ा होगा जो वोटरों को आकर्षित करेगा। जो अखिलेश को सांसद में डाल सकता है।
गौर करने वाली बात यह भी है कि सपा सरकार के दौरान ही निरहुआ को यश भारती पुरस्कार से अखिलेश ने नवाजा था। उस समय एक दूसरे की तारीफ करने वाले महारथी जब एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे तो यह देखना भी रोचक होगा।