भदोही। सवर्णों के हाथ काट लेने की धमकी देकर सुर्खियां बटोर रहे कांग्रेस प्रत्याशी रमाकांत यादव आजमगढ़ी सेना के सहारे भदोही की जंग जीतने की सियासत में जुटे हुये हैं। ऐसे में लोगों का कहना है कि वोट तो भदोही के लोग देंगे फिर आजमगढ़ की भीड़ जुटाकर श्री यादव क्या जताना चाहते हैं।
बता दें कि किसी भी प्रत्याशी के लिये अपनी पहली ताकत नामांकन के दिन दिखाने की होड़ मची रहती है। सोमवार को कांग्रेस प्रत्याशी और आजमगढ़ के बाहुबली नेता रमाकांत यादव का नामांकन था। जिसमें श्री यादव को अपना बाहुबल और जनबल दिखाना था लेकिन मजबूरी यह है कि अभी वे भदोही में अपनी जमीन तैयार करने में लगे हुये हैं। इसलिये भीड़ दिखाने के लिये बड़ी संख्या में आजमगढ़ से लोगों को बुलाया गया था।
क्या आजमगढ़ की तरह बदनाम हो जायेगा भदोही
सभास्थल पर काफी संख्या में खड़े वाहनों पर आजमगढ़ के नंबर प्लेट लगे थे जो यह इशारा कर रहे थे कि सभा में अधिक से अधिक भीड़ दिखाने के लिये श्री यादव ने अपने समर्थकों को आजमगढ़ से बुलाया था। गौर करने वाली बात है कि अपनी सभाओं में श्री यादव बाहर से भीड़ जुटाकर और समाजविरोधी बयान देकर तालियां तो बटोर सकते हैं किन्तु वोट के लिये तो भदोही के वोटरों से ही हाथ पैर जोड़ना पड़ेगा।
भदोही को हाथ काटने वाला गुण्डा नहीं, विकास करने वाला सांसद चाहिये
गौर करने वाली बात यह भी है कि गठबंधन प्रत्यासी रंगनाथ मिश्रा के नामांकन जूलूस में भारी संख्या में भदोही के हर वर्ग के लोगों ने जुटकर विरोधियों के हौसले पस्त कर दिये थे। एक तरफ श्री मिश्रा के जूलूस हजारों लोगों ने शामिल होकर सपा बसपा की ताकत को दिखाया था तो दूसरी तरफ भाजपा के नामांकन सभा में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्रनाथ पाण्डेय की मौजूदगी के बाद भी भीड़ हजार का आंकड़ा पार नहीं कर पायी। जबकि भाजपा प्रत्याशी रमेश बिंद के समर्थन में मीरजापुर से भी काफी लोग शामिल हुये थे। इसके बाद सोमवार को कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में आजमगढ़ी भीड़ को देखकर लोगों की प्रतिक्रिया रही कि सभा में भीड़ कहीं से भी आये किन्तु वोट तो भदोही लोकसभा के लोग ही देंगे।
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