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जानिए कौन था 50 हजार का इनामी बदमाश दीपक गुप्ता, जो बना पुलिस का शिकार

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फरवरी में नचनिया बनकर भाई की शादी में आया था दीपक, पुलिस की घेरेबंदी से बचकर हुआ था फरार

भदोही । रात को हो रही रिमझिम बारिश में जब कालीन नगरी के लोग घर में आराम की नींद ले रहे थे तब भदोही क्राइम ब्रांच की टीम जिले को अपराध मुक्त बनाने के लिए सडको पर भटक रही थी । सुबह जब लोगों की आंख खुली तो रात को तड़तड़ाती गोलियां शांत होकर गीली जमीन पर बिखरी पड़ी थी । और उसी गीली जमीन पर अंतिम नींद सो चुका था कई जनपदों में दहशत फैलाने वाला दुर्दांत अपराधी दीपक गुप्ता । हालांकि कई जनपदों की पुलिस के नाक में दम किए इस अपराधी के ऊपर 50 हजार का इनाम घोषित था लेकिन भदोहीवासी इसके इतिहास को जानने के लिए बेचैन दिखे । हमार पूर्वांचल आपको बताने जा रहा है इस अपराधी का इतिहास । कैसे इसने अपराध की दुनियां में कदम ऱखा । क्राइम ब्रांच का एक जाबांज सिपाही सचिन झा इसकी गोली से बाल बाल बच गया। जबकि क्राइम ब्रांच प्रभारी के पैर में गोली लगी है ।

दीपक गुप्ता यूपी के भदोही जिले के सुरियावां मुख्य बाजार के निवासी छोटेलाल हलवाई के तीन पुत्रों में दूसरे नंबर का लड़का था। इसका बड़ा भाई राजन गुप्ता भी बदमाश था। जो बीमारी से मर चुका है । बड़े भाई की शह पर दीपक भी बचपन से मनबढ़ हो गया था । किसी से लड़ाई कर लेना किसी को भी पीट देना इसकी आदतों में शुमार था । कमउम्र में ही दोनों मिलकर लूट छिनैती जैसी घटनाओ को अंजाम देने लगे थे । यही नही एक मामले में इसका सबसे छोटा भाई सागर भी जमानत पर बाहर है ।

एक बार मामूली कहासुनी में ही राजन और दीपक ने मिलकर सुरियावां वार्ड नम्बर 1 के निवासी एक हरिजन कोटेदार की हत्या कर दी थी । कोटेदार की हत्या के बाद ये दोनों फरार हो गए, काफी मशक्कत के बाद पुलिस गिरफ्त में आये दीपक को कोर्ट ने नाबालिग बताया और बाल संरक्षण सुधार गृह रामनगर,वाराणसी भेज दिया। लेकिन शातिर हो चुके दीपक को जेल की दीवारे रोक नही पायी और वह 3 से 4 महीने के बाद फरार हो गया।

दीपक गुप्ता का आपराधिक इतिहास

भदोही पुलिस इसको लगातार खोज रही थी । इसी क्रम में यह लगातार अपराध करता जा रहा था किन्तु पुलिस इसका पता नही लगा पाई । इसका सबसे बड़ा कारण यह भी था कि यह अपना नाम बार बार बदलता था । इसे कुछ लोग रवि, करिया, कल्लू आदि नामों से जानते थे । अंबेडकर नगर, वाराणसी जिले से इसने अलग अलग आधार कार्ड भी बना रखे थे ।

अपराध की दुनियां में यह अपना वर्चस्व लगातार बढ़ा रहा था । फोन से धमकी और रंगदारी के मामले अन्य जिलों से भी आने लगे। चर्चा है कि भदोही क्राइम ब्रांच से एकबार मुठभेड़ भी हुआ था । जिसमें दीपक गुप्ता की फायरिंग में सिपाही सचिन झा बाल-बाल बच गए और दीपक फरार हो गया। (हालांकि जनपद पुलिस इसे पुष्ट नही करती)

तभी से ही यह फरार ही चल रहा था। इधर 5 वर्ष बाद राजन की बेल हो गयी,राजन को किसी गंभीर बीमारी ने जकड़ लिया था। बीमारी से राजन की मौत हो गयी।
दीपक के घर जब भी कोई विवाद होता था तो उसका फोन विपक्षी के परिवार को आता था। जिसमे जान से मारने की धमकी वो देता था। इसलिए इसके परिवार से कोई विवाद नही करता था। इसका तीसरा भाई भी जमानत पर बाहर है ।

फरवरी 2020 में इसके भाई की शादी थी जिसमे क्राइम ब्रांच और पुलिस ने घेराबंदी की थी लेकिन दीपक पकड़ में नही आया। सुनने में आया कि दीपक अपने गुर्गों के साथ नचनिया का रूप बनाकर आया था।

बता दे कि भदोही जिले में पुलिस और हथियारबंद बदमाशों में मुठभेड़ हुई है जिसमे दीपक गुप्ता नामक एक 50 हजार का एक इनामिया बदमाश ढेर हो गया है जबकि एक बदमाश फरार हो गया है l इस मुठभेड़ में बदमाशों ने पुलिस पर पहले फायर किया जवाबी कार्रवाई में एक बदमाश की गोली लगने से मौत हो गई है वही क्राइम ब्रांच प्रभारी अजय सिंह सेंगर के पैर में गोली लगने से वह घायल हुए है । जबकि क्राइम ब्रांच के एक सिपाही सचिन झा की बुलेट प्रूफ जैकेट में गोली लगी पाई गई है। सिपाही बाल -बाल बच गया है l बताया जाता है की मुठभेड़ में मारे गए बदमाश दीपक गुप्ता पर कई जिलों में 14 मुकदमे दर्ज है l

पुलिस अधीक्षक रामबदन सिंह के अनुसार मारे गए बदमाश दीपक गुप्ता के पास से एक रिवाल्वर और एक देशी तमंचा बरामद हुआ है l मारा गया बदमाश सुरियावां थाना इलाके का निवासी है जिस पर भदोही से 25 हजार ,अम्बेडकर नगर से 15 हजार और वाराणसी से 10 हजार का इनाम घोषित है l उस पर भदोही जिले में एक हत्या समेत कई अन्य जिलों में गंभीर धाराओं में 14 मुकदमे दर्ज है बदमाश 2014 में वाराणसी की जेल से फरार भी हुआ था l पुलिस के मुताबिक बदमाशों ने करीब 10 गोलिया पुलिस टीम पर चलाई थी घटना स्थल पर कई खोखे मिले है l

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