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रावण दहन का कड़ा विरोध

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हमार पूर्वांचल
हमार पूर्वांचल

मिरा-भायन्दर के जमीन पर रहनेवाले प्रतापगढ़ के कमलेश रामयज्ञ पाण्डेय अध्यक्ष अखिल ब्राह्मण विकास प्रतिष्ठान ने कड़ा विरोध जताया है। पाण्डेय से बात करने पर उन्होंने कहा कि रावण एक ब्राह्मण पुत्र था और एक ब्राह्मण को जलाना हमारी संगठन कत्तई बर्दाश्त नहीं करेगी। रावण जैसा वीर,बुद्धिजीवी, पराक्रमी इस धरा पे जन्मा नहीं, उसके मुख से निकली चिख अलाप को लोग भगवान शिव को मनाने के लिए शिवस्वोतम् का पाठ करते है, और उसी को जलाते है।

उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा की रावण को कई जगह पुजा जाता है, जैसे उत्तर प्रदेश के कुछ जिले व राजस्थान समेत बिहार, झारखंड आदि मे तान्त्रिक विद्या रावण की देन है जिसे लोग मानते भी है, तो रावण को क्यों जलाते है ? अगर रावण यही ब्राह्मण न होकर कोई और जाती का होता तो शायद इसका जमकर विरोध होता। इसलिए हम रावण दहन का कड़ा विरोध करते हुए पुरे भारत मे हमारे संगठन के सदस्य दशहरे के दिन हर उस जगह जाकर रावण को न जालाने का अपिल व विरोध करेगे जहा पर ऐसी व्यवस्था की गयी है।

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