प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में हर साल कुछ ना कुछ बड़ी घटनाएं घटती ही है, जो विश्वविद्यालय का नाम शर्मसार करती रहती है। अभी चुनाव खत्म हुए चन्द दिन ही बिते है, जिते प्रत्याशी पार्टियां करने मे मशगूल है कि अदावत में हत्या का सिलसिला शुरू हो गया है। आधी रात छात्र नेता अच्युतानंद शुक्ला उर्फ सुमित शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिसके बाद विश्वविद्यालय सहित पूरे शहर में तनाव का माहौल बना हुआ है।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार की देर रात विश्वविद्यालय की पीसीबी छात्रावास में पार्टी चल रही थी। इस दौरान सुमित शुक्ला को गोली मारी गई। गोली लगने के बाद सुमित शुक्ला को आनन-फानन में स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया।जहां तकरीबन रात दो बजे उसकी मौत हो गई। सुमित की हत्या की खबर सुनते ही उसके समर्थकों का हुजूम देर रात एसआरएन पंहुचना शुरू हो गया। छात्र नेता से जुड़े मामले को देखते हुए पुलिस प्रशासन सतर्क है। और कई थानों की फोर्स तैनात कर दी गई।
अच्युतानंद शुक्ला उर्फ़ सुमित शुक्ला इलाहाबाद विश्वविद्यालय का पूर्व छात्र नेता रहा है।बीते पांच सालों से छात्र संघ चुनाव में अपना दबदबा कायम किया हुआ है। सुमित 2012 के चुनाव में उपाध्यक्ष पद का उम्मीदवार रहा और जेल से चुनाव छात्रसंघ का चुनाव भी लड़ा। हालाकि इस चुनाव में सुमित को जीत नही मिली थी। दरअसल अभी हाल में बीते छात्र संघ चुनाव के दौरान पुलिस ने उन्हें 25000 का इनामी घोषित किया था। इसके बाद से सुमित फरार चल रहा था। वही देर रात गोली लगने की खबर पर विश्वविद्यालय के सभी छात्रावासों में हड़कंप मचा हुआ है। सुमित शुक्ला को गोली क्यों मारी यह अभी साफ नहीं हो सका है।
बता दें कि छात्रसंघ चुनाव के नामांकन के दिन गोलीबारी की घटना के बाद प्रशासन ने सुमित शुक्ला, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अभिषेक सिंह उर्फ माइकल, अभिषेक सिंह सोनू, आकाश सिंह और अजीत यादव पर इनाम घोषित किया था। जिसमें से बीते दिनों अभिषेक सिंह माइकल की लखनऊ से गिरफ्तारी हुई थी। वह जेल में है और अन्य नेता फरार चल रहे थे। विश्वविद्यालय के सूत्रों की मानें तो छात्र संघ चुनाव के दौरान इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संबंधित एक महाविद्यालय के छात्र नेता ने सुमित शुक्ला को गोली मारी है। बता दें कि जिस छात्र नेता का नाम सामने आ रहा है सुमित शुक्ला ने ही उसे चुनाव लड़ाया था। और उसने छात्रसंघ चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की थी।
बताया जा रहा है कि छात्रावास में चल रही पार्टी में वह छात्रनेता शामिल था। जैसे ही सुमित शुक्ला पार्टी में पहुंचा उसने हमेशा की तरह सुमित शुक्ला के पैर छुए और उन्हें गोली मार दी। गोली सुमित शुक्ला की गर्दन में लगी थी। सुमित शुक्ला गोंडा का रहने वाला था। जानकारी के अनुसार सुमित के पिता शिक्षक है। सुमित के खिलाफ दर्जनभर से ज्यादा मामले दर्ज थे। 2013-14 के छात्र संघ चुनाव के समय सुमित में भरी कचहरी में पुलिस वाले को गोली मार दी थी। जिसके बाद सुमित शुक्ला सुर्खियों में आया था। सुमित के खिलाफ हत्या के प्रयास अपहरण जैसे कई संगीन मामलों में मुकदमा दर्ज है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों मे सुमित शुक्ला की तुलना माफिया डॉन रहे श्री प्रकाश शुक्ला से की जाती रही है।