मुंबई। मुंबई ऐसी नगरी है, जहां मेहनत करना और सूर्य की तरह चलते रहना ही सफलता का मंत्र है। यह विचार उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने वाग्धारा के चौथे नवरत्न सम्मान समारोह के अध्यक्षीय वक्तव्य में व्यक्त किए। यह समारोह अंधेरी पश्चिम के मुक्ति ऑडिटोरियम में धूमधाम से सम्पन्न हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य नारायण राणे ने कहा कि आज मैं जो कुछ हूं बाला साहब ठाकरे के कारण हूँ। बाला साहब ठाकरे कलाकारों का बहुत सम्मान करते थे। यह हमारा सौभाग्य कि साहित्यकार, पत्रकार, संगीतकार और कलाकारों का सम्मान हमारे हाथों हुआ। देशभर से रोजी रोटी के लिए लोग मुंबई आते हैं और अलग-अलग क्षेत्र में नाम कमा कर भारत और महाराष्ट्र का नाम ऊंचा करते हैं, इसलिए उन कलाकारों की सुरक्षा हमारा दायित्व है। वरिष्ठ साहित्यकार सागर त्रिपाठी तथा फ़िल्म निर्माता स्मिता ठाकरे ने राम नाईक और नारायण राणे का स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया।
रंगकर्मी नादिरा जहीर बब्बर ने सम्मान के प्रत्युत्तर में कहा कि जिंदगी में आप जो काम करना चाहते हैं वही करना चाहिए। जैसे मेरी जिंदगी का मकसद रंगकर्म है, मैंने 50 साल रंगमंच को दिए। वाग्धारा ने मुझे और मेरे काम को सम्मानित करके बड़ा काम किया है। अमेठी की संजू शब्दिता ने शे़र के माध्यम से कहा कि – ‘हमको दरिया ने कई बार किनारे पटका। जब तलक डूबे नहीं हार नहीं मानी। ‘लखनऊ के पंकज प्रसून ने कहा कि देश में साहित्य की दो धाराएं हैं एक मुख्यधारा है और दूसरी वाग्धरा है। अपनी चुटीली शैली में उन्होंने सम्मान का रोचक उत्तर दिया। पुष्कर गुलगुले को फ़िल्म संपादन और देव फौजदार को रंगकर्म के लिए वाग्धारा यंग अचीवर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया। शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए वाग्धारा नवरत्न सम्मान से नवाजे गए शिकोहाबाद के डॉ सुकेश कुमार ने कहा कि हमारा प्रयास शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखना है। भोपाल से आए गीत चतुर्वेदी ने कहा कि मैं समंदर से नदियों के शहर में चला गया था। मुंबई का रहने वाला हूं, लेकिन बाद में उत्तर में जाकर बस गया। पहली बार मेरे मुंबई ने मुझे सम्मानित किया। आमची मुंबई ने प्यार दिया।
इस समारोह में डॉ. जयंत खोत, आलोक पुराणिक, पत्रकार जीतेंद्र दीक्षित, धवल कुलकर्णी, फिल्मकार गजेंद्र अहिरे, रंगकर्मी ओम कटारे को वाग्धारा नवरत्न सम्मान प्रदान किया गया। वहीं नादिरा बब्बर को जीवन गौरव सम्मान से नवाजा गया। प्रारंभ में समारोह की प्रस्तावना अनंत श्रीमाली ने रखी।स्वागत और संस्था परिचय सुप्रसिद्ध गीतकार अरविंद राही ने दिया चयन प्रक्रिया के बारे में व्यंग्यकार संजीव निगम ने विस्तार से जानकारी दी। शेखर अस्तित्व ने विशेष कविता प्रस्तुत की। वाग्धारा के अध्यक्ष डॉ वागीश सारस्वत ने संस्था की उपलब्धियों और संघर्षों के बारे में बताते हुए आभार माना। कार्यक्रम का खूबसूरत संचालन फिल्म अभिनेता रवि यादव और मराठी की पार्श्व गायिका श्रद्धा मोहिते ने किया।राष्ट्रगान और दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। अतिथियों का सम्मान संध्या पांडे, अवधेश पांडे, शेखर अस्तित्व, सागर त्रिपाठी, सुधाकर स्नेह और अरविंद राही ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सुरेश तिवारी यश, कृपा पांडेय, स्वेता सिंह, सीमा वर्मा, धनंजय मिश्रा, संजय अमान, और ऋषभ, प्रतिमा योगी, स्नेहा मौर्य और मोहिनी द्विवेदी का विशेष योगदान रहा।समारोह में मुंबई शहर के वरिष्ठ साहित्यकार, पत्रकार, रंगकर्मी और प्रबुद्ध जन सैकड़ों की संख्या में मौजूद थे।