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सुरेश दुबे ने विधायक गीता जैन पर लगाया धर्म की राजनीति करने का आरोप

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मुंबई। कोरोना संक्रमण से जूझते मीरा-भायंदर शहर में राजनीतिक पार्टियां चमकेशगिरी का कोई भी मौका छोडऩे को तैयार नहीं दिख रही हैं। ताजा घटनाक्रम में शहर में शुरू हुए जैन समुदाय के लिए जैन कोविड सेंटर को लेकर सियासत गरमा गई है। विभिन्न राजनीतिक दलों तथा संगठनों ने इस मुद्दे पर शहर की विधायक गीता जैन पर धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उन्हें निशाना बनाना शुरू कर दिया है।

शिवसेना के उत्तर भारतीय मीरा-भायंदर जिला संपर्क प्रमुख सुरेश दुबे ने संकट के इस दौर में भी स्थानीय विधायक गीता भरत जैन पर एक विशेष समुदाय को खुश करने के लिए धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में समूचा शहर कोरोना के कहर से जूझ रहा है। एक ओर शहरवासी जातिधर्म से परे हटकर लोगों की जान बचाने तथा स्वस्थ रहने की जद्दोजहद मेंं जुटे हुए हैं,

वहीं भले ही सभी जातिधर्म के लोगों ने अपने वोट देकर भले ही गीता जैन को विधायक बनाया, लेकिन वे एक विशेष समुदाय को खुश करने के लिए जातिवादिता की राजनीति करते हुए जैन कोविड सेंटर का निर्माण करा रही हैं, जो पूरी तरह से दुर्भाग्यपूर्ण है और हम इसका विरोध करते हैं। उपर से उनका इसके पीछे तर्क देते हुए कहना है कि कि जैन समुदाय का पर्व चातुर्मास चल रहा है, इसलिए उन्हें यह विशेष सुविधा उपलब्ध कराई गई है। सुरेश दुबे ने सवालिया लहजे में कहा कि आगे मुस्लिम समाज की बकरी ईद आने वाली है, क्या उनके लिए मुस्लिम कोविड सेंटर तथा हिंदू समाज का श्रावण मास शुरू हो रहा है, क्या उनके लिए गीता जैन हिंदू कोविड सेंटर शुरू कराएंगी ? यदि नहीं, तो एक विशेष जाति के प्रेम के पीछे आखिर उनका उद्देश्य क्या है? सुरेश दुबे ने कहा कि विधायक गीता जैन एक जनप्रतिनिधि हैं, लिहाजा उन्हें सभी जातिधर्म को एक सूत्र मेंं पिरोने का आदर्श इस संकटकाल मेंं प्रस्तुत करना चाहिए, न कि जातिगत विद्वेष पैदा करने की कोशिश।

गीता जैन के इस कृत्य से शहर मेंं जातीय वातावरण दूषित होने की संभावना व्यक्त करते हुए सुरेश दुबे ने उनके विरुद्ध कार्रवाई किए जाने की मांग की है। इस मुद्दे पर विधायक गीता भरत जैन ने कहा कि जैन कोविड सेंटर की शुरूआत उन्होंने नहीं, बल्कि जैन समाज के लोगों तथा संस्थाओं द्वारा की गई है। जैन समाज के लोग उनके पास चातुर्मास पर्व का हवाला देते हुए मनपा के क्वांटाईन सेंटर के बजाय यहां रखे गए समाज के लोगों के लिए इस सात्विक पर्व में उनके धर्म के आदर्शों का पालन हो सके, इसके लिए अलग से जैन कोविड सेंटर शुरू करने की मांग को लेकर आए थे। इसके लिए मनपा प्रशासन से अनुमति दिलाने में सहयोग की अपील उक्त समाज के लोगों ने की थी, जो एक जनप्रतिनिधि की हैसियत से उन्होंने की, और मनपा आयुक्त डा. विजय राठौड़ ने भी इस पहल को सराहते हुए त्वरित प्रभाव से इसकी मंजूरी दे दी।

मनपा के क्वांटाईन सेंटर से जैन कोविड सेंटर में इस समाज के लोगों के शिफ्ट किए जाने से करीब 150 बेड खाली हुए हैं, जो अन्य लोगों के काम आएंगे, तो आखिर इसमें गलत और जातिवादी राजनीति की गुंजाइश ही कहां है, बल्कि मनपा का तो बोझ ही कम हुआ है। गीता जैन ने कहा कि यह समय शहर को कोरोना तथा आर्थिक संकट से उबारने का है, न कि राजनीति करने का। जैन ही नहीं किसी भी जातिधर्म, समुदाय के लोग ऐसा प्रस्ताव लेकर मेरे पास आते हैं, जिससे मनपा पर बोझ कम हो, तो मैं उनका भी पूरी ईमानदारी से हरसंभव सहयोग करने को सदैव तत्पर रहूंगी।

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