अभी तक आपने विरोध करने के लिये किसी पुरूष का सिर मुंडाने की खबर पढ़ी होगी, लेकिन यहां तो एक महिला ने अपना सिर मुंडा डाला। वह महिला कोई और नहीं बल्कि एक शिक्षिका है। क्या उस शिक्षिका के दर्द को कोई महसूस कर सकता है जिसने सरकार से अपनी मांग मनवाने के लिये सिर मुडा डाला।
एक तरफ पूरे भारतवर्ष में महान शिक्षक, दार्शनिक एवं राजनेता डॉं .राधाकृष्णन का जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप मनाया जा रहा है और दूसरी तरफ कुछ शिक्षक जीविकोपार्जन हेतु मानदेय की मॉग कर रहे है परंतु सरकार के कान में जूं तक नही रेंग रही है । जौनपुर के अखिलेश सिंह , प्रांतीय प्रधान महासचिव के नेतृत्व में जनपद के हजारों शिक्षक तथा अन्य जनपदों के शिक्षक प्रदेशाध्यक्ष उमेश द्विवेदी के नेतृत्व में 4 सितंबर को लखनऊ के इको गार्डन में एकत्रित हुये।माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षकों के मानदेय के लिए हजारों की संख्या में जुटे शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन किया और सरकार द्वारा कोई प्रतिक्रिया न दिखने पर बुधवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर सुबह बापू चौराहे पर मुंडन कर भिक्षाटन किया।
इस अवसर पर अटल बिहारी बाजपेयी इंटर कालेज ,शॉहजहॉपुर की प्रधानाचार्य रेणु मिश्रा जो कि बरेली- मुरादाबाद निर्वाचन खंड की पुर्व स्नातक MLC प्रत्याशी भी रह चुकी है ने भी मुंडन कराकर शिक्षकों के साथ बापू की प्रतिमा के सामने रामधुन गाते हुये भिक्षाटन किया। इस अवसर पर शिक्षक विधायक संजय मिश्र, शिक्षक विधायक उमेंश द्विवेदी ,बी.के .शुक्ला ,संजीव बाजपेयी समेत हजारो की संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे परंतु फिर भी संवेदनहीन सरकार पर कोई असर नहीं पडा।
विदित हो कि माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक उत्तर प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा का 80%भार वहन कर रहा है परंतु परिवार के लिए दो जुन की रोटी नहीं जुटा पा रहा है । यह शिक्षक पिछले दो दशकों से सरकार से जीविकोपार्जन हेतु मानदेय की मांग कर रहा है । पिछली सरकार ने बजट में प्रोत्साहन मानदेय के रूप एक वर्ष के लिए धन भी मुहैया कराया था जो कि वर्तमान सरकार न सत्ता में आते ही रोक दिया था और शिक्षक हित में ठोस निर्णय का आश्वासन भी दिया था परंतु वह आश्वासन महज एक जुमला साबित हुआ जिसके विरोध में पुन:पुरे प्रदेश के शिक्षकों को लखनऊ में जुटकर धरने के लिए बाध्य होना पडा।