भदोही: महीनो पहले हुए भदोही के स्कूल वैन के हादसो से पीङित विद्यार्थियों के परिजनो की चिन्ता की रेखांए अभी तक धूमिल भी नही पङी कि पुनः २३ फरवरी को दिन के तकरीबन १२ बजे के आसपास जिले के चौरी थानातंर्गत रोटहां गांव में हुए बारूदी विस्फोट से दर्जनो से भी अधिक लोग अचानक काल के गाल में समां गये।
बता दें कि भदोही वाराणसी मार्ग के बगल हुए इस हादसे में मारे गये लोगो कि अधजली एवं क्षतविक्षत लाशें यह बयाँ करती है कि यह हादसा कितना भयानक एवं दर्दनाक था।
बतातें चलें कि अमूनन ज्वलनशील पदार्थो की कारोबार करने हेतु कारोबारी को प्रशासन से अनुमति लेनी पङती है जबकि इस हादसे के बाद प्रशासन ने भी अपने कान खङे किए है और जांच करने में जुटी है कि ऐसे कारोबार अवैध थे अथवा वैध।
गौरतलब हो कि किसी भी अनहोनी के पहले किसी भी संबंधित आला अधिकारीयों या व्यापारीयो को पहले से इससे जुङे सुरक्षा उपकरणो की भी रखरखाव की जरूरत महसूस नही होती। परंतु हादसे के होते ही वहां संबंधित विभाग से जुङे अधिकारीगणो तथा क्षेत्रीय नेताओ की जमघट लग जाती है। तरह-तरह के लोग नसीहत भी देने लगते है। ज्योतिषविशारदो के भी वक्तव्य आने लगते है।
हो सकता हो कि पीङितजनो या उनके परिजनो को कुछ सांत्वाना या मुआवजा की भी घोषणा हो जाए परंतु सवाल यह है कि यदि भूतकाल में लिए गये सबक को यदि अमल में लाया जाता रहें तो भविष्य काल में ऐसे हादसों की पुनरावृति ही क्यों होती है।