कल्याण:विठ्ठलवाङी पुर्व के खङेगोलवली मार्केट परिसर मे रहनेवाले गिरिजाशंकर मिश्रा का जन्म पैतृक गांव जनपद इलाहाबाद के जसवाँ ग्राम मे सन १९५३ को हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल मे कर १९७७ मे इलाहाबाद से ही MA तक पढाई की। तत्पश्चात वे प्रतापगढ के भूमिविकास बैंक में तीन वर्षो तक असिस्टंट फिल्ड आफिसर की सेवांए दी। लेकिन समाज सेवा की ललक ने उन्हे इस कदर झकझोरा कि वे अपनी सेवाओ से तुरंत त्यागपत्र दे दिए और अपने बङे भाई हृदय शंकर मिश्रा के सान्निध्य मे रहकर इलाहाबाद के ही जसवाँ बरौत में अपने पिताश्री पंडित रामलखन मिश्र के नाम पर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की जिसमें आज भी १५०० से अधिक विद्यार्थी शिक्षण ग्रहण कर रहे है।
बतातें चले कि उनका यह ग्रामीण सेवा का सपना जब पूरा हुआ तो वे मुंबई के तरफ अपनी रुख किए और विभिन्न पत्रिकाओं मे अपनी पत्रकारिता की भी सेवांए दी जिसमे १९९९ के संस्करण मे मुंबई की बातें पत्रिका में इनके सेवाओं के बारे मे इनके उपर लेखादि भी छप चुके है और इस दरम्यान उनकी सदस्यता अग्नि शिला पत्रिका से भी जुङ चुकी थी। जिसका वे २०१४ तक अध्ययन भी करते रहे। इसी बीच उन्होने व्यवसाय के क्षेत्र मे खङेगोलवली मार्केट परिसर में ही G. S. STORES के बैनर तले मच्छरदानी के होलसेल विक्रेता के रुप मे अपना कार्य शुरू किये। पुनः धन्वंतरी आयुर्वेदिक औषधालय की भी स्थापना कर अपने ही इस दूकान में इन दोनों सेवाओं का परचम फहरा रहे है।
आज भी ६६ वर्षीय तंदुरुस्त यह शख्स श्री मिश्रा प्रयागराज इलाहाबाद में बरौत वाले इंटर काँलेज मे उपप्रबंधक के कार्यभार के साथ साथ मुंबई में उत्तर भारतीय रेल्वे संघर्ष समिती के अध्यक्ष सहित अन्तर्राष्टरीय ब्राह्मण संघटन के मुंबई अध्यक्ष, सृजन संस्था कल्याण के उपाध्यक्ष, यात्री सेवा सुविधा संघटना के महाराष्ट्र प्रदेश संघटन मंत्री, उत्तर भारतीय समाज कल्याण परिषद, कल्याण के ट्रस्टी आदि अनेको सामाजिक पदो को सुशोभित कर रहे हैं।