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दलितों की हितैषी बनने वाली भाजपा ने भदोही में किया राष्ट्रीय स्तर के दलित नेता का अपमान

दलित हितैषी होने का प्रमाण पत्र देने के लिये संसद में बिल पारित करा चुकी भाजपा के अपने लोगों को ही दलित नेता नहीं पच पा रहे हैं। कम से कम भदोही जिले में तो ऐसा ही है। इसकी बानगी 16 अगस्त को भाजपा की जिला कार्यकारिणी की बैठक में देखी गयी। जब भाजपा प्रदेश मंत्री एवं भदोही जिला प्रभारी संजय राय को खुद पहल कर एक दलित नेता को मंच पर स्थान दिलाना पड़ा।

हुआ यह कि गुरूवार को भाजपा जिला कार्यालय में भाजपा कार्याकारिणी की बैठक हो रही थी। बैठक में प्रदेश मंत्री एवं जिला प्रभारी संजय राय समेत औराई विधायक दीनानाथ भाष्कर, भदोही विधायक रविन्द्र त्रिपाठी समेत पूर्व विधायक पूर्णमासी पंकज व पूर्व सांसद गोरखनाथ पाण्डेय के अलावा भदोही चेयरमैन, भाजपा जिला व मंडल तथा बूथ स्तर के पदाधिकारी आज मौजूद थे। बैठक की अध्यक्षता खुद जिलाध्यक्ष हौसिला पाठक कर रहे थे। बैठक में भाजपा अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विनोद कुमार सोनकर शाष्त्री भी थे। जो कार्यक्रम के औपचारिक उद्घाटन के बाद कार्यकर्ताओं की जमात में पिछली सीट पर जाकर बैठ गये। इधर मंच पर बिन बुलाये मेहमान की तरह स्वनाम शीर्ष लोग काबिज हो गये। इसे जानबूझकर अनदेखी मानी जाये अथवा ध्यान का न आ पाना कि कार्यकर्ताओं की जमात में पीछे बैठ अनूसूचित मोर्चा के रास्ट्रीय सदस्य विनोद कुमार सोनकर शाष्त्री को मंच के लिये आमंत्रित नहीं किया गया। संभवत: यह बात प्रदेश मंत्री संजय राय को खटकी। उन्होंने स्वयं पहल कर मंच पर बिन बुलाये कुर्सी थामे लोगों को स्थान खाली कर श्री सोनकर को मंच पर स्थान देने की पहल करते हुये उन्हें मंच पर स्थान दिलाया।
हलांकि इसके लिये श्री राय ने मौजूद पदाधिकारियों को कुछ कहा तो नहीं किन्तु बिन कहे ही भाजपा के जिम्मेदार पदाधिकारियों के चेहरों पर उभरे झेंप के भाव स्पष्ट परिलक्षित हो रहे थे।

भदोही भाजपा में दलित प्रेम कितना उदार है इसका प्रमाण इसी से मिलता है कि भाजपा जैसी सत्ताधारी राष्ट्रीय पार्टी में किसी प्रकोष्ठ विशेष प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य बनना और जिला इकाई द्वारा उसका स्वागत तो दरकिनार प्रसन्नता में एक शब्द भी न बोलना अपने आप में बिना कहे बहुत कुछ कह दे रहा है। इससे भाजपा जिला ईकाई क्या संदेश देना चाहती है। यह तो वहीं जाने किन्तु दलितों में यह संदेश तो जाने ही लगा है कि भाजपा में उनकी इज्जत दो कौड़ी कि नहीं है।

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