मुम्बई
ख़ानअब्दुलग़फ्फार_ख़ान* जिनको सीमांत गांधी, बाचा ख़ान, बादशाह ख़ान नाम से जाना जाते है भारत रत्न से सम्मानित बाचा ख़ान जिनका भारत की आज़ादी में अहम किरदार रहा, उनकी याद में झालावाड़ ज़िला राजस्थान में ख़ान अब्दुल ग़फ्फार ख़ान जयंती समारोह रखा गया जिसमें झालावाड़ ज़िले के कई बाचा ख़ान के समर्थक और फोलोअर शामिल हुए।
भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश किसी रूप में एक हों, यह ऐतिहासिक आवश्यकता थी, और उन लोगों को सार्थक जवाब भी है जो एक देश के लोगों को टुकड़ों में बाँट कर रखना चाहते रहे हैं। भारत-पाकिस्तान-बांग्लादेश को एक करने या उनका महासंघ बनाने जैसी परिकल्पनाएं बादशाह खान के मन में था। भारतीय भूभाग को एक सूत्र में पिरोने की ऐसी ही परिकल्पनाएं रही हैं। खान अब्दुल गफ्फार खान, खैबर-पख्तूनवा और बलूचिस्तान इस एकसूत्रता की कल्पना को हमेशा पंख देते रहे हैं। जिसका संयोजन ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री सैयद जलालुद्दीन कर रहे हैं सरक्षक चन्द्रकान्त त्रिपाठी मुख्य अतिथि राष्ट्रवादी कांग्रेस नेता पूर्व सांसद नबाब मलिक ,कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रवक्ता उदित राज संयोजक ओमप्रकाश सिंह पूर्वांचल प्रतिष्ठान अध्यक्ष।