कल्याण: पूर्व में विठ्ठलवाङी श्मशान स्थल के बगल से होकर गुजरनेवाला वह उङानपुल जिसे एफ केबिन के नाम से भी जाना जाता है वहां ३ अप्रैल को सुबह ७ बजे से इन सभी क्षेत्रो में उजाला हो जाने के बावजूद भी तकरीबन ५८ खम्भो पर बेवजह बिजली बर्बाद होती रही। जिसका ही खामियाजा शायद कैलासनगर तथा साईंबाबा नगर सहित सहयाद्री पार्क के इर्द-गिर्द के निवासियो को भुगतना पङा, जहां सुबह को तकरीबन ९.४० बजे के बाद बुधवार के दिन होने के बाद भी इन क्षेत्रो में भयंकर चल रही गर्मी में अचानक और अघोषित बिजली कटौती की सजा भुगतनी पङी जबकि विभागीय प्रशासन बेसुध और बेफिक्र रहा।
बतातें चलें कि उपरोक्त क्षेत्रो में जहां शुक्रवार को बिजली कटौती होती ही रहती है उसके बाद भी अन्य दिनो एक तरफ बिजली की कटौती करना वही दूसरी तरफ बिजली की बगैर जरूरत की बर्बादी करने से आमजनो में नाराजगी बनी रहती है। एक तरफ जहां सरकार विभिन्न विज्ञापनो के माध्यम से ‘बिजली बचाओ, देश बचाओ’ के नारो के साथ उपभोक्ताओ में जागरूकता फैला रही है, वही दूसरी तरफ अपने बेसुध पङी रहती है।
आखिर इसका जिम्मेदार कौन है?
खबर लिखे जाने के दोपहर के बाद तक भी तमाम बतियाँ जल ही रही थी। जिससे कि सहयाद्रीपार्क क्षेत्र के समाजसेवक सुशील सिंह जो कि हंडिया इलाहाबाद जिले से ताल्लुक रखते है वे आज अपनी बाईक से उस ब्रिज के उपर से दिन में ११ बजे गुजर रहे थे तभी ऐसे बिजली के फिजूलखर्ची पर बिजली विभाग आदि को फोन कर अवगत भी कराने चाहे परंतु अपने हर रोज के रवैये की आदतन कोई फोन नही उठाया।