Home भदोही दूसरों को नही बल्कि खुद की बुराईयों को हराने का दृढ़ संकल्प...

दूसरों को नही बल्कि खुद की बुराईयों को हराने का दृढ़ संकल्प ही सच्ची प्रतिस्पर्धा है। – प्रशांत कुमार

भदोही। सरकार तो देश में शिक्षा के स्तर को बढाने के लिए योजनाएं लाई है लेकिन देश के युवा भी देश के शिक्षा स्तर बढाने में कमर कस कर तैयार है जो गरीब बच्चों को पढाकर एक अच्छा नागरिक बनाने के लिए संकल्पित है। भदोही जिले के कुछ युवा एक संस्था “ललक शिक्षा की…” के माध्यम से गरीब बच्चों को गांव-गांव जाकर शिक्षित करने का कार्य कर रहे है।

इस संस्था के सदस्य बच्चों के लिए शिक्षण सामग्री दान करते है। और स्वेच्छिक सेवा देने वाले युवा इसमें स्वयं शामिल होकर बच्चों को सहयोग देते है। और संस्था के टीम का हिस्सा बनते है। रविवार को गोपीगंज क्षेत्र के पुरेदिवान में अंशु शुक्ला, प्रिया, अंकित श्रीवास्तव न ही केवल टीम में शामिल हुए बल्कि बच्चो को पढ़ा कर शिक्षा के प्रति एक संदेश भी दिए। उन्होंने बच्चो से वादा किया कि हम सब आप सब के लिए हर रविवार को समय निकालने की जरूर कोशिश करेंगे।

इस मुहिम में ग्रामवासियों का पूरा सहयोग मिलता है और यह मुहिम भी शिक्षा के प्रति सफल होती नजर आ रही है।
शिक्षा के प्रति लोगो को जागरूक करना एवं गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देना ही इस संस्था का परम उद्देश्य है। ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे ग्रामीणों से इस पर विस्तार से वार्तालाप हुई।

सभी ग्रामवासियों ने अपने बच्चों को प्रतिदिन स्कूल भेजने का संकल्प लिया। बच्चों को नैतिकता, और बड़ो- छोटो के साथ कैसे व्यवहार किया जाय? बच्चो में एक दूसरे के प्रति बुराइयां को समाप्त करने, सड़क पर हमेशा बाएं तरफ से चलनें, नित्य साबुन से हाथ धोकर खाना खाने व साफ-सफाई से रहने, प्रतिदिन स्कूल जाने आदि विषयों पर अपने विचारों के माध्यम से लोगो को जागरूक किया गया।

इस मौके पर अंकित श्रीवास्तव ने बच्चो को कई कहानियों के माध्यम से नैतिकता और संस्कार के बारे में बताया। साप्ताहिक होने वाले इस मुहिम में गरीब बच्चों को कॉपी, पेन, पेंसिल, रबड़, कटर, टॉफी निःशुल्क में बाटी गई। संस्था के लोगों ने सभी को इस मुहिम में शामिल होने की अपील की। कहा कि गरीब बच्चों की पढाई के लिए बच्चों को पढाकर अपना  श्रमदान करके, या कुछ पेन, पेंसिल, कॉपी, रबड़, कटर, किताब देकर सहयोग किया जा सकता है।

यह कार्यक्रम केवल रविवार को होता है। जिसमें जिले के सैकडों युवा अपने-अपने गांव या क्षेत्र में गरीब बच्चों को नि:शुल्क पढाते है और यथाशक्ति बच्चों को सामग्री भी देते है। यह संस्था 3 फरवरी से जिले के विभिन्न गांवों में गरीब बच्चों को शिक्षित करने के लिए काम कर रही है। संस्था के संस्थापक प्रशान्त कुमार ने कहा कि दूसरों को नही बल्कि खुद की बुराईयों को हराने का दृढ़ संकल्प ही सच्ची प्रतिस्पर्धा है। जिससे समाज को एक नई दिशा दी जा सके। क्योकि देश का शिक्षा स्तर जब सुधरेगा तब ही देश का सही विकास होगा।

इस मौके पर संजय पाल, अंशु शुक्ला, अतुल यदुवंशीय, लालमोहम्मद, महेंद्र प्रसाद बिंद, कुलदीप सिंह ठाकुर, लक्ष्मण यादव, कमलाप्रसाद, अंकित श्रीवास्तव, अमर बहादुर चौधरी, प्रिया और अवनीश कुमार मौर्य समेत काफी स्वयंसेवी युवा व ग्रामीण मौजूद थे।

Leave a Reply