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भदोही में भाजपा नेताओं की बढ़ी तकरार, कैसे होगा 2022 में बेड़ा पार

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भाजपा जिलाध्यक्ष की बदजुबानी और औराई विधायक के पलटवार से फिर गरमाई सियासत

भदोही। उत्तरप्रदेश में चुनावी दस्तक शुरू हो गयी है। खबर है कि देश के गृहमंत्री और भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह यूपी की चुनावी कमान अपने हाथ में रखेंगे। जिसका श्रीगणेश करते हुये शाह ने लखनउ में पहली चुनावी रैली की और स्पष्ट रूप से बोल भी दिया कि आगामी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही होंगे। किन्तु भदोही में भाजपा नेताओं की बदजुबानी, तकरार और पलटवार की जो तस्वीर सामने आ रही है। उसे देखकर लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि यह सिलसिला यदि नहीं रूका तो भदोही में भाजपा का बेड़ा पार कैसे होगा।

गौरतलब हो कि जिले में विधानसभा की तीन सीट हैं। जिसमें भदोही और औराई में भाजपा और ज्ञानपुर में निषाद पार्टी से बाहुबली विधायक विजय मिश्रा है। प्रदेश में योगी की सरकार बनते ही जब माफियाओं पर शिकंजा कसा जाने लगा तो उसकी चपेट में पांच दर्जन से अधिक मुकदमा झेल रहे विजय मिश्रा भी नहीं बच पाये और कई आरोपों में जेल की सलाखों के पीछे हैं। पिछले 20 वर्षों से ज्ञानपुर विधानसभा पर कब्जा जमाये विजय मिश्रा जब जेल गये तो पहली बार भाजपा को उम्मीद जगी है कि इस बार भदोही विधानसभा की तीनों सीट पर भाजपा कब्जा करेगी किन्तु पंचायत चुनाव के समय से ही भाजपा आपसी कलह से जूझ रही है। जिसके कारण आये दिन विवाद होने की खबरें हवा में तैरती रहती हैं।

बताना लाजिमी होगा कि पंचायत चुनाव के समय भाजपा जिलाध्यक्ष विनय श्रीवास्तव अपने मनमाने पूर्ण रवैये से जिला पंचायत सदस्य उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। चुनाव में कुछ ऐसे नये चेहरों को उतारा गया जो चुनाव के समय ही पार्टी से जुड़े थे। जिसे जिलाध्यक्ष का एकतरफा निर्णय माना गया और पार्टी के कई पुराने कार्यकर्ता नाराज भी हो गये। यहां तक भदोही विधायक रवीन्द्रनाथ त्रिपाठी के भाई अनिरूद्ध त्रिपाठी और भतीजे चन्द्रभूषण त्रिपाठी व सचिन त्रिपाठी का टिकट भी काट दिया गया। मामला यहीं तक नहीं रूका बल्कि तीनों लोगों को पार्टी से भी निष्कासित कर दिया गया। इसके बावजूद विधायक के भाई और भतीजे चुनाव लड़े और दो सीटों पर कब्जा भी कर लिया। जबकि भाजपा को मात्र 4 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। जब भाजपा जिलाध्यक्ष ने अमित सिंह को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिये मैदान में उतारा तो भदोही विधायक ने अपने भाई अनिरूद्ध त्रिपाठी को निर्दलीय मैदान में उतार दिया। जिसे लेकर जिले के भाजपा पदाधिकारियों में काफी उठापटक देखी गयी। हालात यह हुये कि नामांकन के दिन भदोही भाजपा का पूरा कुनबा विधायक केे साथ खड़ा दिखायी दिया और जिलाध्यक्ष अकेले नजर आने लगे। पार्टी में चल रही उठापटक और विवादों के बीच शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर भाजपा ने अमित सिंह से अपना समर्थन वापस ले लिया। परिणाम आया तो 26 सदस्यों में 21 का वोट पाकर अनिरूद्ध त्रिपाठी जिला पंचायत अध्यक्ष चुन लिये गये।

उपरी तौर पर मामला सुलझता दिखायी दे रहा था किन्तु अंदर ही अंदर एक दूसरे के प्रति जो तकरार देखी जा रही थी। वह गाहे बेगाहे उभर कर सामने आती रही। जिसका एक उदाहरण यह भी है कि जिला पंचायत शपथग्रहण के दौरान अपना अपमान महसूस करके जिलाध्यक्ष विनय श्रीवास्तव कार्यक्रम संपन्न होने से पूर्व ही उठकर चलते बने किन्तु किसी ने भी नहीं रोका। इसके बाद जिलाध्यक्ष को हटाने की एक मुहिम भी चली गयी। किन्तु तमाम प्रयासों के बाद भी वह असफल ही रही। सोशल मीडिया पर भी भाजपा की अंदरूनी तकरार हमेशा उभर कर सामने आयी। पूर्व में ब्राह्मणों के प्रति भाजपा जिलाध्यक्ष का एक आडियो वायरल होने के बाद थू—थू हो रही थी कि फिर एक वीडियो ने भदोही भाजपा के विवाद को उभार दिया है।

जिलाध्यक्ष के गांव सरई पठखानी का एक व्यक्ति उनके पास रामलीला का चंदा लेने गया तो कथित रूप से उन्होंने रामलीला की रसीद और निमंत्रण कार्ड फेंक दिया जिसे लेकर विवाद हो गया। लोगों को कहना है कि जिस राम के नाम पर भाजपा देश व प्रदेश की सत्ता पर काबिज हुई। उन्हीं राम का अपमान भाजपा जिलाध्यक्ष कर रहे हैं। अभी यह मामला शांत भी नहीं हुआ था कि एक और आडियो सोशल मीडिया पर तैरने लगा। जिसमें टेलीफोनिक वार्ता के दौरान एक भाजपा कार्यकर्ता से जिलाध्यक्ष अपशब्दों का प्रयोग करके बात कर रहे हैं। यह मामला भी तूल पकड़ लिया और आडियों के बहाने जिलाध्यक्ष का विरोध शुरू हो गया है।

दो दिन पूर्व औराई में हुये एक कार्यक्रम में औराई विधायक दीनानाथ भाष्कर ने जिलाध्यक्ष पर बातों के तीर छोड़ते हुये कहा कि भगवान राम के नाम पर यदि कोई भीख मांगने भी जाता है तो उसको भी सामर्थ्य के अनुसार लोग मदद करते हैं। खाली हाथ कोई वापस नहीं करता है। देखा जाय तो यह सिर्फ बयानबाजी ही नहीं है बल्कि भदोही में भाजपा के अंदर गुटबाजी प्रबल रूप से व्यापक हो गयी है। एक दूसरे को नीचा दिखाने की प्रवृत्ति इस कदर हावी होती जा रही है कि भदोही भाजपा में कई गुट बन गये हैं।
एक तरफ आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा भदोही की तीनों सीटों पर कब्जा जमाने का सपना देख रही है और दूसरी तरफ जिलाध्यक्ष, पदाधिकारियों और दोनों विधायकों के बीच चल रही गुटबाजी के कारण बिखराव भी देखा जा रहा है। भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि शीर्ष नेतृत्व का साफ निर्देश है कि विवाद को खत्म कर एकजुट होकर चुनाव में जीत हासिल करने की पहल की जाये किन्तु शीर्ष नेतृत्व का निर्देश जिले में बेअसर देखा जा रहा है। जो आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा का सपना भदोही में गुटबंदी व विवाद के चलते टूट सकता है।

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