भदोही। गोपीगंज क्षेत्र के मदनपुर निवासी वकील बिन्द की पिछले वर्ष छत्तीसगढ में मौत हो गई थी। वकील का शव छत्तीसगढ से आने के बाद जिले के नेताओं और अधिकारियों का खूब जमावड़ा लगा। सभी नेता अपनी राजनीति चमकाने के चक्कर में वकील के घर आकर परिजनों को सांत्वना व आश्वासन दिया। लेकिन शुक्रवार को मदनपुर में आयोजित वकील बिन्द की पुण्यतिथि में जिले का कोई नेता न पहुंच सका बल्कि बाहर के एक नेता ने आकर वकील बिन्द को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा आयोजित प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया। जबकि आयोजको ने जिले के नेताओं से इस आयोजन में सम्मिलित होने का निवेदन किया, लेकिन किसी भी नेता के पास वकील की श्रद्धांजलि सभा में आने का समय नही था। वकील के भाई इससे बहुत आहत है। उन्होने कहा कि आज एक वर्ष बीत जाने के बाद भी मेरी किसी भी मांग को पूरा नही किया गया। बताया कि मेरा बेटा भी फौज में जाने की तैयारी कर रहा था लेकिन वकील के साथ हुई घटना से वह अब पुलिस व फौज में जाने का इरादा बदल लिया।
मालूम हो कि मदनपुर निवासी वकील बिन्द 17वीं वाहिनी सशस्त्र बल में आरक्षक के पद पर तैनात थे। पिछले वर्ष छत्तीसगढ के दंतेवाड़ा में मौत हो गई थी। मौत के बाद शव घर आने पर परिजनों ने वकील बिन्द को शहीद का दर्जा देने की मांग पर अडे रहे। अधिकारियों और नेताओं के आश्वासन के बाद परिजन शव को लेकर अन्तिम संस्कार किए। परिजनों की मांग में आर्थिक मदद, वकील की पत्नी को नौकरी, गैस एजेंसी, शहीद के नाम पर मार्ग, शहीद स्मारक, मुख्य गेट बनाने की मांग की थी लेकिन एक वर्ष बीतने के बाद भी वकील बिन्द के परिजनों को कोई मदद न मिली। इसको लेकर परिजनों और ग्रामीणों में काफी रोष है। लेकिन लोग कुछ कर सकते नही केवल उनको सरकार का आसरा है जो भी कर दे सरकार।