Home मुंबई काव्यसृजन की पहली ऑनलाइन व ८५ वीं काव्यगोष्ठी सम्पन्न-जौनपुरी

काव्यसृजन की पहली ऑनलाइन व ८५ वीं काव्यगोष्ठी सम्पन्न-जौनपुरी

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मुंबई। दिनांक 5 अप्रैल 2020 को काव्यसृजन के संस्थापक पंडित शिवप्रकाश जौनपुरी जी की सलाह पर साहित्यिक सामाजिक व सांस्कृतिक संस्था काव्यसृजन की पहली ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। जौनपुरी ने बताया कि इसमें परिवार के बहुत से कवि कवयित्रियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और सभी ने अपनी-अपनी रचनाओं का काव्यपाठ करके वीडियो परिवार के पटल पर भेजा। कुल मिलाकर लगभग 25 के ऊपर प्रतिभागियों ने इस ऑनलाइन काव्य गोष्ठी में भाग लेकर अपनी-अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

साथ-ही-साथ संस्था के ज्यादातर पदाधिकारियों ने भी बड़े जोशो-खरोश के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। ऑनलाइन काव्यगोष्ठी में काव्यपाठ करने वाले कवियों में संस्थापक पंडित शिवप्रकाश जौनपुरी जी, महासचिव लालबहादुर यादव कमल जी, कोषाध्यक्ष बीरेंद्र कुमार यादव जी, उपाध्यक्ष श्री-श्रीधर मिश्रा जी, कार्याध्यक्ष प्रा.अंजनी कुमार द्वेदी जी, उपकोषाध्यक्ष अवधेश यदुवंशी जी, राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय जी, सदाशिव चतुर्वेदी जी, अनिल कुमार राही जी, एड. राजीव मिश्रा जी, श्रीनाथ शर्मा जी, सौरभ दत्ता जयंत जी दिवाकर वैशम्पायन जी, पंकज तिवारी जी (दिल्ली), अमित दुबे जी, श्रीमती-इंदू मिश्रा जी, बॉलीवुड लेखिका सुश्री नीतू पाण्डेय क्रांति जी, श्रीमती शालू मिश्रा जी, श्रीमती – ममता यादव जी, अभिनेत्री श्रुति भट्टाचार्य जी, प्रज्ञा राय जी,आ0 पूजा नाखरे जी आदि प्रमुख रहे। सभी रचनाकारों ने कोरोना को केंद्रीय विषय बनाते हुए तथा कोरोना को विशेष रूप से इंगित करते हुए अपनी-अपनी रचनाएँ पढ़ी|काव्यसृजन परिवार की तरफ से कोरोना नामक महामारी से बचाव के लिए मास्क पहनने, सोशल डिस्टेनसिंग का पालन करने, साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने तथा लोगों से बेवजह, बिना काम के बाहर न निकलने की अपील भी की गई। तथा माननीय प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने की बात कही गई।

काव्यसृजन परिवार के सभी पदाधिकारियों की तरफ से व काव्यसृजन परिवार की तरफ से इस कोरोना नामक महामारी से सम्पूर्ण विश्व की जल्द-से-जल्द मुक्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई। कार्यक्रम संपन्न होने के बाद संस्था के संथापक पंडित शिवप्रकाश जौनपुरी जी ने पटल पर ही लिखित शब्दों में सभी के प्रति हृदय से आभार ज्ञापित किया,तथा इस महामारी से मृत हुए विश्व के समस्त लोगों को व हमारे परिवार के सदस्य निर्मल नदीम जी की दिवंगत माता जी को काव्यसृजन परिवार की तरफ से भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई व सभी को श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। इस तरह से काव्यसृजन परिवार की पहली ऑनलाइन व कुल मिलाकर ८५ वीं गोष्ठी बड़ी सफलता के साथ सम्पन्न हुई।

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